जैता एक दिन तो आलो, ऊ दिन यो दुनी में

नरेन्द्र सिंह नेगी जी मुख्यत: गढ़वाली भाषा में ही गाने गाते हैं लेकिन उनके प्रशंसकों को उनके गाये गये कुमाऊंनी और जौनसारी गीतों के बारे में जानने की बेहद उत्सुकता रहती है। आज हम उन्ही के द्वारा गाया एक कुमाँऊनी गाना प्रस्तुत कर रहे हैं। यह गाना कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस गीत को  मशहूर संस्कृतिकर्मी व जनकवि गिरीश तिवारी “गिर्दा” ने लिखा है। भविष्य में भयमुक्त, उदार समाज की कल्पना करते हुए लिखा गया “गिर्दा” का यह गीत नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने अपनी कैसेट “उत्तराखण्ड रैली मां”…

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मेरा औंण से हर्ष हो कै त ह्वैल्यो

नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने प्रेमी-प्रेमिका को लेकर बहुत से गाने गाये हैं। जैसे “माछी पाणी सी ज्यू” या “तेरी रूप की झौल मा” लेकिन इनमें से अधिकतर गाने प्रेमी-प्रेमिका के संयोग पर ही हैं, यानि वे गाने जिनमें मिलन की खुशी है। आज हम एक ऐसा गाना प्रस्तुत कर रहे हैं जो वियोग व विरह का गाना है। यह गाना बहुत ही मधुर बन पड़ा है, वैसे कहा भी गया है ना ” हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें हम दर्द के स्वर में गाते हैं ” । इस…

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