‘धाकड़’ दाज्यू आप चिरंजीवी हो…..

[हमारे साथ नये जुड़े श्री उमेश तिवारी ‘विश्वास की दाज्यू कथा का पहला भाग आपने पढ़ा। अब प्रस्तुत है दूसरा भाग। – प्रबंधक ] आपको लग रहा होगा कि हर छोटा भाई कभी न कभी दाज्यू बनता ही होगा। पर ये ‘सास भी कभी बहू थी’ वाला फार्मूला यहां फिट नहीं बैठता। हर एक भइयू, भुली या कुतानू; दाज्यू नहीं बनता। निरे प्रतिभाशाली ही, दाज्यू के रूप में स्थापित होते गये हैं। उनकी एक पृष्ठभूमि होती है। समाजशास्त्री इसे ‘वैल्यू ओरिएंटेशन इन ए सोसियल सिस्टम’ बताते हैं। जैसे पूत के…

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