भिनज्यू को बेटे में बदलने की साजिश

[हमारे साथ नये जुड़े श्री उमेश तिवारी ‘विश्वास की दाज्यू कथा का पहला भाग व दूसरा भाग आपने पढ़ा। उनकी एक और रचना भिंज्यू-कथा का पहला भाग भी आप पढ़ चुके हैं आज प्रस्तुत है उसी भिंज्यू कथा का दूसरा भाग – प्रबंधक ] ऐसा नहीं है कि भिनज्यू की भूमिका हल्की-फुल्की ही हो, ससुराल के कई महत्वपूर्ण मसलों पर उनकी राय ली जाती है। कई बार ये मामले इतने गंभीर होते हैं कि उन्हें अपनी एफ.डी. तुड़ानी पड़ती है। घर-वर के चयन में निर्णायक स्वीकारोक्ति या ना-नकुर सम्प्रेषित करनी…

Read More