मेरा औंण से हर्ष हो कै त ह्वैल्यो

नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने प्रेमी-प्रेमिका को लेकर बहुत से गाने गाये हैं। जैसे “माछी पाणी सी ज्यू” या “तेरी रूप की झौल मा” लेकिन इनमें से अधिकतर गाने प्रेमी-प्रेमिका के संयोग पर ही हैं, यानि वे गाने जिनमें मिलन की खुशी है। आज हम एक ऐसा गाना प्रस्तुत कर रहे हैं जो वियोग व विरह का गाना है। यह गाना बहुत ही मधुर बन पड़ा है, वैसे कहा भी गया है ना ” हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें हम दर्द के स्वर में गाते हैं ” ।

इस सुमधुर गाने में एक प्रेमी अपने दुख को अकेले ही सह लेने की बात कह रहा है। वह अपनी खुशियों को तो सार्वजनिक करना चाहता लेकिन अपने दुख को वह अकेले सह लेने की बात कहता है। वह अपने दुख को किसी से बांटना नहीं चाहता। ऐसा लगता है कि प्रेमी-प्रेमिका जब साथ साथ थे तो बहुत खुश थे, लेकिन किन्ही कारणों वश प्रेमिका को प्रेमी को छोड़ना पड़ा। प्रेमी समझ भी नहीं पाया कि उसकी साथ ऐसा क्यों हुआ। प्रेमिका का साथ छूट जाने से वह दुखी है लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी उसके दिल के किसी कोने में अब भी थोड़ी सी आशा है कि शायद वह अपनी प्रेमिका से मिल सके।

श्री अनिल बिष्ट के निर्देशन में “तिले धारु बौला” वी.सी.डी रामा कैसैट्स द्वारा प्रस्तुत की गयी है। गाने के बोल थोड़ा दार्शनिक अंदाज में हैं इसलिये शाब्दिक अर्थ के साथ साथ कोष्ठक में वास्तविक अर्थ भी दिया जा रहा है।

भावार्थ : मेरे आने से किसी को खुशी हुई हो तो ठीक है, लेकिन.. मेरे जाने का दुख किसी को न हो। मेरी खुशियों में शामिल होने के लिये सभी आमन्त्रित हैं, लेकिन..मेरे दुखों में भागीदार बनने का हक मैं किसी को नहीं दे सकता। [ मैं तुम्हारे जीवन में आया इसकी शायद तुम्हें खुशी हुई हो लेकिन अब जब मैं तुम्हारे जीवन से चला गया हूँ इसका तुम बेकार का दुख ना करो ( आखिर तुम्हारी वजह से ही तो गया), जब तक हम साथ थे हम खुश थे, अब मैं दुखी हूँ (तुम्हारा साथ छूटने से) तो कम से कम तुम तो दुखी मत हो ]

पराया देश है और तुम्हारी याद मुझे बैचेन कर रही है, तुमने ऐसा दर्द दे दिया है जो अब सहा भी नहीं जाता। एक ऐसा घाव है जो अब तक नहीं भरा। [ मैं तुम्हे छोड़ कर इतनी दूर चला आया हूँ लेकिन मैं तुम्हे चाह कर भी भूल नहीं पा रहा, तुमने मुझे अचानक ही छोड़कर जो दर्द दिया है वह असहनीय होता जा रहा है]

तुमने ना ही हिचकियों के द्वारा अपना सन्देश भेजा (ना ही तुमने मुझे याद ही किया) और न तुम खुद ही आई, क्या मेरे सपनों में आने का समय भी तुम्हारे पास नहीं रह गया है। [ प्रेमी सोचता है प्रेमिका ने भले ही उसे छोड़ दिया हो लेकिन वह भी उसे भूल नहीं पा रही होगी, लेकिन जब प्रेमी को हिचकियाँ भी नहीं आती (एक मान्यता है कि यदि आपको हिचकियाँ आती हैं तो इसका मतलब है कि कोई आपको याद कर रहा है) तो वह कहता कि तुम खुद तो नहीं ही आयी कम से कम मुझे याद तो कर लेती, या फिर कभी सपने में आ जाती। इसका अर्थ यह भी लगाया जा सकता है कि प्रेमिका की याद में प्रेमी सो भी नहीं पा रहा है इसलिये उसे सपने भी नहीं आ रहे।]

मैं समझ नहीं पा रहा कि वो कदम आगे क्यों नहीं बढ़े , कहीं किसी ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर पावों में कोई ठोकर तो नहीं लग गई? [प्रेमी यह समझ नहीं पा रहा कि कैसे उसकी प्रेमिका ने उसे छोड़ दिया, उसे यह विश्वास नहीं हो रहा कि उसकी प्रेमिका उसे छोड़ भी सकती है इसलिये वह कहता है कि तुमने बीच राह में ही मुझे अचानक क्यों छोड़ दिया, सब कुछ तो ठीक चल रहा था, कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम्हे किसी नें बहका दिया हो]

जवानी मिट्टी बन गई और मेरे प्राण पत्थर बन गये, कभी अगर सुख के दिन आ जायेंगे तब शायद यह दुख सहने का मलाल नहीं रहेगा। [ कितना भी गहरा दुख का अंधेरा हो आशा कि एक किरण कहीं ना कहीं दबी छिपी जरूर रहती है। प्रेमी कहता है उसकी जवानी तो बीत ही गयी लेकिन अभी भी किसी तरह से या कहीं से प्रेमिका मिल जाये तो मुझे इस पीड़ा को सहने का कोई दुख ना होगा। मैं सब कुछ भूलकर फिर से उसे अपना लुंगा]

गीत के बोल देवनागिरी में

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उत्तराखंड मे पहली बार बड़े परदे का फिल्म बनाने के साहस १९८३ में सबसे पहले ” श्री पराशर गौर जी” ने किया था ! उन्होंने उत्तराखंड की पहली फीचर फिल्म “जग्वाल” जो की गढ़वाली भाषा में बनी थी का निर्माण किया !
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मेरा औंण से हर्ष हो कै त ह्वैल्यो,मेरा औंण से हर्ष हो कै त ह्वैल्यो
ना हो मेरा जाणां कु दुख कै न हो, दुख कै न हो
मेरा सुख मां हैंसणौं न्यूतु सब्बु कू
मेरा दुख मां रूंणां कु हक कै न हो, हक कै न हो
मेरा औंण से हर्ष हो कै त ह्वैल्यो

मुलुक हो परायु- मुलुक हो परायु- खुद हो तुम्हारी, खुद हो तुम्हारी
मुलुक हो परायु- मुलुक हो परायु- खुद हो तुम्हारी, खुद हो तुम्हारी
पिड़ा हो कि ज्वा आज तक सै न हो- आज तक सै न हो
पिड़ा हो कि ज्वा आज तक सै न हो- आज तक सै न हो

बडुल्यूं मां रैबार-बडुल्यूं मां रैबार, भेजी नि ऐनी, भेजी नि ऐनी
बडुल्यूं मां रैबार-बडुल्यूं मां रैबार, भेजी नि ऐनी, भेजी नि ऐनी
क्या सुपिन्यम भी औंणुं बगत रै न हो, बगत रै न हो
क्या सुपिन्यम भी औंणुं बगत रै न हो, बगत रै न हो

कख बिरड़िनि खुटी वो, कख बिरड़िनि खुटी वो- किले नि बौड़ी होली, किले नि बौड़ी होली
कख बिरड़िनि खुटी वो- किले नि बौड़ी होली, किले नि बौड़ी होली
कखि सौतेला बाटों न भक्क लै न हो, भक्क लै न हो
कखि सौतेला बाटों न भक्क लै न हो, भक्क लै न हो

ज्वानि माटु ह्वैगै, ज्वानि माटु ह्वैगै- ढुंगु व्है पराण, ढुंगु व्है पराण
ज्वानि माटु ह्वैगै, ज्वानि माटु ह्वैगै- ढुंगु व्है पराण, ढुंगु व्है पराण
कभी सुख ऐ जाऊ त रग रै न हो- रग रै न हो
कभी सुख ऐ जाऊ त रग रै न हो- रग रै न हो

मेरा औंण से हर्ष हो कै त ह्वैल्यो
ना हो मेरा जाणां कु दुख कै न हो, दुख कै न हो
मेरा सुख मां हैंसणौं न्यूतु सब्बु कू
मेरा दुख मां रूंणां कु हक कै न हो, हक कै न हो

गीत : [audio:mera-aun-se-harsh-ho-ke-to-hwelye-narendra-singh-negi.mp3]

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है।

अपना उत्तराखंड में उत्तराखंड से संबंधित गीत केवल उत्तराखंड के संगीत को बढ़ावा देने के लिये हैं। यदि आपको यह पसंद आयें तो निवेदन है कि बाजार से इन्हे सीडी या कैसेट के रूप में खरीद कर उत्तराखंडी संगीत को बढ़ावा दें। हम यथा-संभव सीडी या कैसेट की जानकारी देने का प्रयास करते हैं। यदि आपको इससे संबंधित जानकारी हो तो क़ृपया टिप्पणी में बतायें।

Lyrics of the song “Mera Aun Se Harsh Ho ke To Hweleye”

mera aunn se harsh ho kai to hvailyo,mera aunn se harsh ho kai to hvailyo
na ho mera janan ku dukh kai n ho, dukh kai na ho
mera sukh man hainsanaun nyootu sabbu koo
mera dukh man roonnan ku hak kai na ho, hak kai na ho
mera aunn se harsh ho kai to hvailyo

muluk ho parayu- muluk ho parayu- khud ho tumhari, khud ho tumhari
muluk ho parayu- muluk ho parayu- khud ho tumhari, khud ho tumhari
pida ho ki jva aaj tak sai n ho- aaj tak sai na ho
pida ho ki jva aaj tak sai n ho- aaj tak sai na ho

badulyoon man raibar-badulyoon man raibar, bheji ni aini, bheji ni aini
badulyoon man raibar-badulyoon man raibar, bheji ni aini, bheji ni aini
kya supinyam bhi aunnun bagat rai na ho, bagat rai na ho
kya supinyam bhi aunnun bagat rai na ho, bagat rai na ho

kakh biradini khuti vo, kakh biradini khuti vo- kile ni baudi holi, kile ni baudi holi
kakh biradini khuti vo- kile ni baudi holi, kile ni baudi holi
kakhi sautela baton n bhakk lai na ho, bhakk lai na ho
kakhi sautela baton n bhakk lai na ho, bhakk lai na ho

jvani matu hvaigai, jvani matu hvaigai- dhungu vhai parann, dhungu vhai paran
jvani matu hvaigai, jvani matu hvaigai- dhungu vhai parann, dhungu vhai paran
kabhi sukh ai jaoo t0 rag rai na ho- rag rai na ho
kabhi sukh ai jaoo t0 rag rai na ho- rag rai na ho

mera aunn se harsh ho kai t0 hvailyo
na ho mera janan ku dukh kai na ho, dukh kai na ho
mera sukh man hainsanaun nyootu sabbu koo
mera dukh man roonnan ku hak kai na ho, hak kai na ho

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Album : Teely Dharu Bola, Director: Anil Bisht, Audio-Video : Rama Cassettes

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Mera Aun Se Harsh ho to Hwelye

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