विशेश्वरी देवी (Vishweshwari Devi)
(माताः श्रीमती महेशी देवी, पिताः स्व. भवानी दत्त ममगाई)
जन्मतिथि : 6 अप्रैल 1958
जन्म स्थान : पाखी
पैतृक गाँव : पाखी जिला : चमोली
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 1 पुत्री
शिक्षा : कक्षा 8
पूर्व माध्यमिक विद्यालय, गरुड़गंगा (पाखी)
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः जब मैंने अपने गाँव में ब्राह्मण-यजमान यानी जात-पात का भेद खत्म कराया और उन्हें आपस में प्रेम से रहने की राह दिखाई।
प्रमुख उपलब्धियाँ : सर्वोदयी कार्यकर्ताओं के साथ चिपको आंदोलन में हिस्सेदारी। 1988 में गरुड़गंगा (पाखी) गांव की अध्यक्षा चुनी गयी। इससे पूर्व मैंने गाँव में जातिभेद के खिलाफ अभियान चलाया था। अध्यक्षा चुने जाने के बाद गाँव में हैस्को, हार्क व सर्वोदयी संस्थाओं की मदद से पर्यावरण संरक्षण, रिंगाल उद्योग व फल-संरक्षण, वनस्पतियों से धूप-अगरबत्ती निर्माण, नयी प्रजाति की सब्जियों का उत्पादन आदि कार्यक्रमों के जरिए गांव की तस्वीर बदलने का प्रयास किया।
युवाओं के नाम संदेशः युवकों से मेरा अनुरोध है कि वे आपस में मिलजुल कर रहें। आजकल हमारे देश में, खास तौर पर यहाँ कई बेरोजगार युवक हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए हैं। जबकि उनमें कुछ कर गुजरने की क्षमता है। उन्हें मेरा यह कहना है कि वे भी राज्य के विकास में भागीदारी कर सकते हैं। बस अपने हाथ खोल, कदमों को सफलता की सीढ़ी तक पहुंचने का संकल्प लेना होगा।
विशेषज्ञता : ग्रामीण विकास, पर्यावरण, स्त्री समस्या।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।