देवेन्द्र मेवाड़ी (Devendra Mewari)
(माताः श्रीमती तुलसी देवी, पिताः श्री किशन सिंह मेवाड़ी)
जन्मतिथि : 7 मार्च 1944
जन्म स्थान : कालाआगर (चैगढ़)
पैतृक गाँव : कालाआगर जिला : नैनीताल
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 3 पुत्रियाँ
शिक्षा : एम.एससी., एम.ए.
प्राथमिक शिक्षा- प्राइमरी पाठशाला, कालाआगर
हाईस्कूल, इण्टर- गो.ब. पंत इण्टर कालेज, ओखलकांडा (नैनीताल)
बी.एससी.- डी.एस.बी. कालेज, नैनीताल
एम.एससी. (वनस्पति विज्ञान)- आगरा विश्वविद्यालय
एम.ए. (हिन्दी)- कुमाऊँ विश्वविद्यालय
पी.जी. डिप्लोमा (पत्रकारिता)- राजस्थान विश्वविद्यालय
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः शिक्षक बड़े भाई श्री दीवान सिंह मेवाड़ी द्वारा पांचवीं कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए गाँव से ले जाना और माँ की इच्छा कि मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करुँ।
प्रमुख उपलब्धियाँ : विज्ञान साहित्य के क्षेत्र में देश में स्थापित। अब तक 10 पुस्तकें प्रकाशित। अग्रणी पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 1000 लोकप्रिय विज्ञान लेख, आमुख कथाएँ, कहानियाँ व विज्ञान कथाएँ प्रकाशित। दो पुस्तकों का अनुवाद। 13 वर्षों तक पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘किसान भारती’ का सम्पादन। आकाशवाणी में विज्ञान सम्बंधी अनेक कार्यक्रमों के अलावा 50 से अधिक रेडियो वार्ताएं प्रसारित तथा दूरदर्शन के लिए ‘कृषक मंच’ धारावाहिक की 26 कड़ियों के लिए पटकथा लेखन एवं अनेक कृषि व विज्ञान कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण। धूमकेतु वृत्तचित्र की परिकल्पना व पटकथा लेखन। उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा विशेष पुरस्कार। ‘किसान भारती’ पत्रिका के लिए अखिल भारतीय कृषि पत्रिका प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार। हिन्दी विज्ञान परिषद, इलाहाबाद द्वार स्तरीय विज्ञान लेखन के लिए भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति द्वारा ‘विज्ञान कथा भूषण’ सम्मान से सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय द्वारा भारतेन्दु हरिश्चंद्र बाल साहित्य पुरस्कार से तथा राष्ट्रीय विज्ञान संचार परिषद, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित। सम्प्रति मुख्य प्रबंधक (जनसंपर्क), पंजाब नेशनल बैंक।
युवाओं के नाम संदेशः जब मैं छात्र था तो एक बार शैलेश मटियानी जी ने मुझे लिखा था कि जीवन में पेड़ की तरह से बढ़ना जो अपनी ही जड़ों पर खड़ा होता है, बेल की तरह नहीं जिसे खड़े होने के लिए ठांगरे की जरूरत होती है। मेरे लिए यह मार्गदर्शक संदेश बन गया, आपके लिए भी बने यह शुभकामनाएं हैं।
विशेषज्ञता : विज्ञान लेखन, प्रबन्धन, जन सम्पर्क।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।
I heartily thank you very much for introducing the eminent personalities of Uttrakhand to many viewer apart from their motherland. its your inspiring steps for the future generation. I again thank you very much from the core of my heart.
Thanks and Regards
C.P. Kandwal, Chandigarh.