अबैरी दां तू लssम्बी छुट्टी लै के ऐई

आज एक ओर आधुनिकता और विकास की अन्धी दौड़ में मानवीय संवेदनाएं और आपसी रिश्ते धूमिल होते जा रहे हैं और वहीं मानव सभ्यता की कई धरोहरें भी मनुष्य की बढ़ती जरूरतों की भेंट चढ रही हैं। महानगरों में रह रहे लोगों के वातानुकूलित कमरों और चमचमाती सड़कों के लिये रोशनी पैदा करने की खातिर एक पूर्ण विकसित शहर को गंगा जी की लहरों में जलसमाधि लेनी पड़ी। यह शहर था टिहरी शहर, जिसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है लेकिन व्यापक जन-विरोध के बाबजूद टिहरी बांध के निर्माण के लिये यह शहर अपना अस्तित्व खो बैठा। यह सच है कि सरकार ने एक नया शहर “नयी टिहरी” बना कर लोगों को विस्थापित कर अपने कर्तव्यों की इति श्री कर ली लेकिन क्या सरकार टिहरी से जुड़ी यादों को, वहाँ के स्थानों, रास्तों मकानों, दुकानों आदि को वापस ला पायेगी। कुछ ऐसी ही भावनाओं को नरेन्द्र सिंह नेगी ने अपने एक मार्मिक गीत “अबारी दां तू लssम्बी छुट्टी लै के ऐई” में व्यक्त किया है। यह गीत एलबम : “ठंडो रे ठंडो” से लिया गया है और इसके ऑडियो और वीडियो टी.सीरीज पर उपलब्ध हैं। ये गाना एक वृद्ध पिता के दिल से निकला आग्रह है, वृद्ध पिता अपने बेटे को एक पत्र लिखता है और उस पत्र में अपनी भावनाओं को लिखता है।  पत्र में जो लिखा है वह इस गीत के रूप में सामने आता है।

भावार्थ – बेटा … इस बार तू आना तो लम्बी छुट्टी लेकर आना क्योंकि अब अन्तिम समय आ गया है, टिहरी शहर का डूबना अब निश्चित हो गया है, एक डाम (बांध) की खातिर अब टिहरी जलमग्न हो जायेगा …आ तू भी इस शहर के अंतिम दर्शन कर ले। आजा और देख ले उन गलियों, मुहल्लों को जहां पर खेल कर तू बड़ा हुआ। देख जा उस चौक को जिस पर घुटनों के बल चला है तू, उन रास्तों को जिन पर तू आता जाता रहा, एक अतिंम बार सब देख जा बेटा। फिर तेरी यह जनम भूमि तुझे कहाँ देखने को मिलेगी, अब तो यह टिहरी शहर जल्दी ही डूबने वाला है, एक डाम की खातिर।

ये लहसुन-प्याज की क्यारियां, ये खेती-बाड़ी, यह जंगल, हमारे बाप-दादाओं का बनाया हुआ यह घर सब कुछ ही दिनों में डूब जायेगा लेकिन इन घरों के दृश्य आंखों से कैसे ओझल होंगे, इनकी तस्वीर तो आखों के आगे घूमती ही रहेगी। लेकिन क्या करें…अब तो डाम के खातिर यह टिहरी शहर जल्दी ही डूबने वाला है।

ये पुरुखों का बसाया गांव और बड़े जतन से पाला हुआ यह जंगल, यह घर, इस घर का आँगन, यह गौशाला…कैसे कोई छोड़ पायेगा? मेरा तो सोच सोच के ही दिल भर आता है तू आ जा बेटा..तू आयेगा तो मुझे थोड़ा तो धीरज बधायेगा। आ जा ..अब तो डाम के खातिर यह टिहरी शहर जल्दी ही डूबने वाला है।

हे नागराज, हे भैरव ! इस सब में हमारा क्या दोष है, हे बोलते बद्री (टिहरी रियासत के राजा को बद्रीनाथ का अवतार माना जाता है) तुम कहाँ मुँह छुपाकर बैठ गये हो? ये देवताओं के मन्दिर तुम भी क्यों हमसे रुष्ट हो गये? हमारा टिहरी शहर डूब रहा है एक डाम के खातिर।

टिहरी के राजा का यह शानदार दरबार, टिहरी शहर की पहचान… ये घन्टाघर, ये आमों के बगीचे और यह मशहूर “सिंगोड़ी” (उत्तराखंड की एक मिठाई) की दुकान ये सब पुरानी धरोहर सिर्फ और सिर्फ यादों में ही रह जायेंगी। क्योंकि जल्दी ही यह टिहरी शहर डूबने वाला है एक डाम की खातिर।

बेटा इस बार तुम लम्बी छुट्टी लेकर आना और बांध की खातिर डूबने जा रहे अपने टिहरी शहर को अन्तिम बार देख कर जाना।

गीत के बोल देवनागिरी में

अबारी दां तू लssम्बी छुट्टी लै के ऐई, अबारी दां तू लssssम्बी छुट्टी लै के ऐई, ऐगे बखत आखिरTehri-Going-Under-Water
टिरी डूबण लाग्य़ूं च बेटा, टिरी डूबण लाग्य़ूं च बेटा, डाम का खातिर
अबारी दां तू लssssम्बी छुट्टी लै के ऐई….

भैटी जा,यो गौला ग्विन्दो ज्यों माँ, खैलि कि सयानु ह्वे तू , भैटी जा,यो गौला ग्विन्दो ज्यों माँ, खैलि कि सयानु ह्वे तू
ग्वाया लगैनी जै डंडेली, जै चौक, जौ बाटो आणु जाणु रै तू,
जै बाटो आणु जाणु रै तू……….
कखन द्यखण लठ्याला त्वै न
कखन द्यखण लठ्याला त्वै न, जलम भूमि या फीर
टिरी डूबण लग्यु च बेटा, डाम का खातिर
अबारी दां तू लssम्बी छुट्टी लै के ऐई….

लस्सण प्याज की बाड़ि सगोड़ि, सेरा डोखरी पुन्गुड़ी, लस्सण प्याज की बाड़ि सगोड़ि, सेरा डोखरी पुन्गुड़ी
डुबि जालि पाणि माँ भोल, बाब दादों की कूड़ी
बाब दादों की कुडी…..
आख्यों माँ रिंगणि रालि सदानि
आख्यों माँ रिंगणि रालि सदानि, हमरी तिबारी सतीर
टिरी डूबण लग्यु च बेटा, डाम का खातिर
अबारी दां तू लssम्बी छुट्टी लै के ऐई….

पितरु कु बसायुं गौंऊं, सैंत्यूं पाल्यूं बाण, पितरु कु बसायुं गौंऊं, सैंत्यूं पाल्यूं बाण Last-Top-Of-Ghantaghar-Waiting-to-submerge
डारा मंगारा, ग्वाठ्यार चौक, कन क्वे की छोड़ण
कन क्वे की छोड़ण……
कंठ भोरिक औन्दु उमाल
कंठ भोरिक औन्दु उमाल, औ बांधे जा धीर
टिरी डूबण लग्यु च बेटा, डाम का खातिर, टिरी डूबण…..

हे नागराजा, हे भैरों तुमारू, हमुन क्या जी ख्वाई, हे नागराजा, हे भैरों तुमारू, हमुन क्या जी ख्वाई
हे बोलान्दा, बदरी त्वैन, कख मूख लुकाई
कख मूक लुकाई
हे विधाता कन रूठी नि हमकु
हे विधाता कन रूठी नि हमकु, द्येबतूं का मन्दिर
टिरी डूबण लग्यु च बेटा, डाम का खातिर
टिरी डूबण…………. Tehri-Last-Moments

रज्जा को दरबार, घंटाघर, आमूं का बग्वान, रज्जा को दरबार, घंटाघर, आमूं का बग्वान
कन डुबलो यो टिरी बाजार, सिंगोड़्यूं की दूकान
सिंगोड़्यूं की दूकान……..
सम्लोंण्या रै जाली भोल, सम्लोंण्या रै जाली भोल, सालों पुराणी जागीर
टिरी डूबण लग्यु च बेटा, डाम का खातिर
अबारी दां तू लssम्बी छुट्टी लै के ऐई, ऐगे बखत आखिर
टिरी डूबण लाग्य़ूं च बेटा, डाम का खातिर, डाम का खातिर , डाम का खातिर

गीत : [audio:abari-tu-lambi-chhutee-le-ke-narendra-singh-negi-by-merapahad-dot-com.mp3]

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है।

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Lyrics of the song “Abari tu Lambi Chhutee Le key aiye”

abari dan too lammmbi chhutti lai ke aiee, abari dan too lammmmbi chhutti lai ke aiee, aige bakhat aakhir
tiri dooban lagyaoon ch beta, tiri dooban lagyaoon ch beta, dam ka khatir
abari dan too lammmbi chhutti lai ke aiee….

bhaiti ja,yo gaula gvindo jyon man, khaili ki sayanu hve too , bhaiti ja,yo gaula gvindo jyon man, khaili ki sayanu hve too
gvaya lagaini jai dandeli, jai chauk, jau bato aanu janu rai too,
jai bato aanu janu rai too……….
kakhan dyakhan lathyala tvai n
kakhan dyakhan lathyala tvai n, jalam bhoomi ya fir
tiri dooban lagyu ch beta, dam ka khatir
abari dan too lammmbi chhutti lai ke aiee….

lassan pyaj kee badi sagodi, sera dokhari pungudi, lassan pyaj kee badi sagodi, sera dokhari pungudi
dubi jali pani man bhol, bab dadon kee koodi
bab dadon kee kudi…..
aakhyon man ringani rali sadani
aakhyon man ringani rali sadani, hamari tibari satir
tiri dooban lagyu ch beta, dam ka khatir
abari dan too lammmbi chhutti lai ke aiee….

pitaru ku basayun gaunoon, saintyoon palyoon bann, pitaru ku basayun gaunoon, saintyoon palyoon ban
dara mangara, gvathyar chauk, kan kve kee chhodn
kan kve kee chhodnna……
kanth bhorik aundu umal
kanth bhorik aundu umal, au bandhe ja dhir
tiri dooban lagyu ch beta, dam ka khatir, tiri doobanna…..

he nagaraja, he bhairon tumaroo, hamun kya ji khvaee, he nagaraja, he bhairon tumaroo, hamun kya ji khvaee
he bolanda, badari tvain, kakh mookh lukaee
kakh mook lukaee
he vidhata kan roothi ni hamaku
he vidhata kan roothi ni hamaku, dyebatoon ka mandir
tiri dooban lagyu ch beta, dam ka khatir
tiri doobanna………….

rajja ko darabar, ghantaghar, aamoon ka bagvan, rajja ko darabar, ghantaghar, aamoon ka bagvan
kan dubalo yo tiri bajar, singodyoon kee dookan
singodyoon kee dookana……..
samlonnya rai jali bhol, samlonnya rai jali bhol, salon purani jagir
tiri dooban lagyu ch beta, dam ka khatir
abari dan too lammmbi chhutti lai ke aiee, aige bakhat aakhir
tiri dooban lagyaoon ch beta, dam ka khatir, dam ka khatir , dam ka khatir

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Album : Thando Re Thando, Audio-Video : T-Series

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7 Thoughts to “अबैरी दां तू लssम्बी छुट्टी लै के ऐई”

  1. अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,

    खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,

    रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,

    वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं…..

    सबको प्यार देने की आदत है हमें,

    अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,

    कितना भी गहरा जख्म दे कोई,

    उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें…

    इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,

    सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,

    जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"

    जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,

    आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,

    दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,

  2. Preeti Panthri

    Very very nice song. this song is my Favorite

    1. Heera Raturi

      It's Remember able

  3. Virendra chamoli

    I totaly agree with u. Hame apni sanskriti apni darohar ko bachana hoga.kahi aisa na ho tehri ki tarah ek din hamari sanskriti lupt na ho jaye. Jai bharat jai uttrakhand. I love ous motherland.

  4. Avinash sati narayanbagar

    I love my uttrakhand DEV BHUMI UTTRAKHAND KO mera sat sat pranam

  5. rajesh sati

    Rajesh Sati Kaub Parathi Narayanbazar ( aj ke time jo bhi bhai apne uttrakhand ko yad kar rahe he vo dhnya hai

  6. Rajesh sati chamoli

    Rajesh Sati( Chamoli Narayanbazar) Ye gane ke bol or iske yade aj bhi mujhe ruladeti hai me un sabhi bhai logo se vinte karta hu apna uttrakhand ko mat bhulo narender bhay ko mera namsakar

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