आनन्द सिंह बिष्ट (Anand Singh Bisht)
(माताः श्रीमती चन्द्रा देवी, पिताः स्व जगत सिंह बिष्ट)
जन्मतिथि : 14 मई 1957
जन्म स्थान : हल्द्वानी
पैतृक गाँव : छानागांव जिला : अल्मोड़ा
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 1 पुत्री
शिक्षा : पीएचडी.
प्राथमिक शिक्षा- प्राइमरी पाठशाला, देवीथल (अल्मोड़ा)
हाईस्कूल- सर्वोदय इण्टर कालेज, जैंती, अल्मोड़ा
इण्टर- रा.इ.का. पिथौरागढ़
बी.एससी.- एम.बी. महाविद्यालय, हल्द्वानी
एम.एससी. (भौतिकी)- डी.एस.बी. कालेज, नैनीताल
बी.एड.- एमडी विश्वविद्यालय, रोहतक
एम.एड.- अन्नामलाई विश्वविद्यालय
पीएच.डी. (शिक्षाशास्त्र)- कुमाऊँ विश्वविद्यालय
पी.जी. डिप्लोमा इन परसनल मैनेजमेंट- अन्नामलाई विश्वविद्यालय
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः अपने स्वार्थों के लिए कुछ सहकर्मियों द्वारा मेरी पेशागत क्षमताओं को बदनाम करने पर मैंने अपने अंतर्निहित शक्ति को पहचाना।
प्रमुख उपलब्धियाँ : एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली द्वारा 1998 व 2000 में भौतिक विज्ञान में अभिनव शिक्षण विधि के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार. राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा 1999 में राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक पुरस्कार. आचार्य नरेन्द्र देव शिक्षा निधि द्वारा 1998 में आचार्य नरेन्द्र देव अलंकार. विज्ञान पत्रिका ‘आविष्कार’ में अनेक मौलिक विज्ञान लेख प्रकाशित।
युवाओं के नाम संदेशः विपरीत आर्थिक, सामाजिक व पारिवारिक परिस्थितियों के देखकर घबरायें नहीं बल्कि इन्हें ईश्वर की अनुकम्पा समझें, क्योंकि दुनिया के हरे बड़े आविष्कार/रचनाएं इन्हीं परिस्थितियों में छिपे रहते हैं। स्वयं की ऊर्जा व समय को कतई नष्ट न होने दें, मनुष्य का जीवन छोटा व दुर्लभ है। अतः स्वयं की प्रतिभा/क्षमता को पहचान कर समय का भरपूर उपयोग सृजनात्मक कार्यों के लिए करें। यही ईश्वर की सही मायनों में पूजा है। क्योंकि हर मनुष्य धरती पर किसी न किसी मकसद से भेजा गया है।
विशेषज्ञता : शिक्षा, विज्ञान, शिक्षा प्रबन्धन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।