गोविन्द चातक

आकाशवाणी दिल्ली में 4 वर्षों तक सहायक प्रोड्यूसर, नाटक; इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कालेज में प्राध्यापक।लोक साहित्य, भाषा विज्ञान, संस्कृति और नाट्य समीक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया।5 नाटक प्रकाशित- केकड़े, दूर का आकाश, अंधेरी रात का सफर, बाँसुरी बजती रही। नाट्य समीक्षा ग्रन्थ ‘प्रसाद के नाटक स्वरूप और संरचना’, ‘आधुनिक हिन्दी नाटक का मसीहा मोहन राकेश’ विशेष रूप से चर्चित। ‘गढ़वाली लोक गीत’ (साहित्य अकादमी), ‘गढ़वाली लोक गाथायें’ आदि भी उल्लेखनीय हैं। भाषा के क्षेत्र में ‘मध्य पहाड़ी परम्परा और हिन्दी, पहाड़ी भाषा के अध्ययन रूप में मानक ग्रन्थ। पर्यावरण और संस्कृति के संकट पर भी विशेष लेखन। अब तक लगभग 20 पुस्तकों का लेखन। ‘जय श्री सम्मान’। ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार’, ‘रामनरेश त्रिपाठी पुरस्कार’, साहित्य कला परिषद दिल्ली प्रशासन का नाटकों का सर्वोच्च पुरस्कार, ‘पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार’ जैसे पुरस्कार पुस्तकों पर दिए गए हैं।

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लीलाधर जगूड़ी

10 कविता संग्रह और एक गद्य पुस्तक प्रकाशित। 1997 में साहित्य एकेडमी पुरस्कार। भारतीय भाषा परिषद् पुरस्कार (वैस्ट बंगाल)।कविता में नई परम्परा की शुरुआत। युवाओं के नाम संदेशः अध्ययन से ही नई दृष्टि प्राप्त की जा सकती है।

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प्रेम सिंह जीना

50 राष्ट्रीय और 25 अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भागीदारी; 1996-97 में भारतीय इतिहास अनुसंधन परिषद फ़ैलोशिप। अनेकों किताबें तथा लेख प्रकाशित।
युवाओं के नाम संदेशः आपसी मतभेद भुला कर उत्तराखण्ड के विकास में जुट जाएँ। उत्तराखण्ड में सरकार को संविधान की धारा 370 के प्राविधन लागू करने के लिए बाध्य करने का प्रयास करें।

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चमेली जुगराण

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय वर्कले से सोशल वेलपफेयर में डिप्लोमा; रॉयल कालेज ऑफ आर्ट एंड डिजायन स्टाकहोम (स्वीडन) से पेंटिंग में डिप्लोमा; भारतीय विद्या भवन से पेंटिंग में प्रमाण पत्र; त्रिवेणी कला संगम, दिल्ली से पेंटिंग के कोर्स; जाम्बिया और लुसाका में पेंटिंग सीखी। पेंटिंग की देश-विदेश में एकल तथा ग्रुप प्रदर्शनियाँ। लेखन में रुचि; पहला कहानी संग्रह 1990 में प्रकाशित। 505 चिल्ड्रन्स विलेज ऑफ इण्डिया में काउंसलर।

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