उ.प्र. की ओर से एशियाड 1982 में कथक नृत्य प्रस्तुत किया; एन.सी.सी. बेस्ट कैडेट के रूप में 1983 में गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सेदारी तथा उ.प्र. राज्यपाल व राष्ट्रपति द्वारा बेस्ट कैडेट के लिए पुरस्कृत; स्नो स्कीइंग में।1987 की राष्ट्रीय चैंपियन तथा राष्ट्रीय चैंपियन बनने वाली पहली स्थानीय महिला। 1985 से गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में पर्वतारोहण व पथारोहण में सक्रिय। अनेक शिखरों में आरोहण। स्वतंत्र रूप से ट्रेवल बिजनेस शुरू करने वाली उत्तराखण्ड की पहली महिला; साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में पिछले 14 वर्षों से संलग्न; उत्तरांचल व्यापार प्रतिनिधिमंडल (महिला प्रकोष्ठ) की अध्यक्षा।उत्तराखण्ड गौरव सम्मान, उत्तरांचल का विशिष्ट विभूति सम्मान, साहसिक पर्यटन हेतु विशेष सम्मान, महिला सशक्तीकरण वर्ष सम्मान, उत्तराखण्ड उद्योग व व्यापार मंडल सम्मान।
Read MoreCategory: पर्वतारोहण
Talents in the field of mountaineering (पर्वतारोहण के क्षेत्र से जुड़ी हुई प्रतिभायें)
चन्द्र प्रभा एतवाल
1966-86 तक अध्यापन किया।1986 से ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (एडवेंचर) उत्तरकाशी रहीं। नेहरू इंस्टीट्यूट ऑव माउण्टेनियरिंग (एन.आई.एम.), उत्तरकाशी में 1972 में बेसिक और 1975 में एडवांस माउन्टेयरिंग कोर्स पूरा किया। 1980 में स्कीइंग का इण्टरमीडिएट कोर्स किया। 1978-83 तक नेहरू इंस्टीट्यूट ऑव माउण्टेनियरिंग, उत्तरकाशी में प्रशिक्षक रहीं। इस अवधि में बेबी शिवलिंग, बंदरपूंछ, केदारडोम, कामेट, ब्लैकपीक और 20900, नंदा देवी अभियानों में प्रशिक्षक, सदस्य, डिप्टी लीडर और लीडर की हैसियत से शामिल हुईं। इण्डियन माउण्टेनियरिंग फाउण्डेशन द्वारा प्रायोजित 1984 के एवरेस्ट अभियान की सदस्य रहीं और 27,750 फीट तक पहुँचीं। 1993 में इण्डो-नेपाली महिला साझा अभियान में एवरेस्ट पर 24,000 फीट तक पहुँची। रिवर राफटिंग और 28 दुर्गम पथों पर ट्रेकिंग की। इन उपलब्धियों के लिए भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’, अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया।
Read Moreभूपेन्द्र कुमार जोशी
हिमालय तथा पर्वतों सम्बन्धी कुछेक अध्ययन। कुछ किताबें संपादित तथा शोधपत्र प्रकाशित। गिरि विकास संस्थान के निदेशक तथा कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। अनेक विशेषज्ञ समितियों के सदस्य।
Read Moreएस. पी. चमोली
सेना में कमीशन और डीआईजी पुलिस पद से सेवानिवृत्त। पर्वतारोहण व साहसिक खेलों में ख्याति प्राप्त की। अभी तक 10 पर्वतारोहण, 1 स्कीइंग व 2 राफ्रिटंग अभियानों में हिस्सेदारी की है। सदस्य, इंडियन माउंटेनियरिंग फाउण्डेशन की गवर्निंग काउंसिल; चेयरमैन, स्पोर्टस क्लाइम्बिंग कम्पटीशन्स; सदस्य, उत्तरांचल पर्यटन सलाहकार समिति; राष्ट्रपति पुलिस पदक व रक्षा पदक से सम्मानित; ‘द ग्रेट हिमालयन ट्रैवर्स’ व ‘राफ्टिंग डाउन द मिस्टिक ब्रह्मपुत्र’ पुस्तकों का लेखन। हिमालय के पूर्व से पश्चिम तक 5000 किमी. से अधिक पदअभियानों का कीर्तिमान।ब्रह्मपुत्र नदी पर प्रथम बार राफ्टिंग करके अभी तक का कीर्तिमान अटूट है।
Read More