आई.ए.एस. में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए अनुकरणीय समर्पण भावना और कार्यकुशलता के लिए ‘जी.पी. श्रीवास्तव स्मृति सम्मान’। सेवानिवृत्ति के बाद अभी तक गुजराती भाषा की 10 पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद।
Read MoreCategory: प्रतिभायें
Talents in various fields from Uttarakhand.
भास्करानन्द लोहनी
ज्योतिर्विज्ञान के लिए समर्पित तथा ज्योतिष व संस्कृति से सम्बंधित 32 पुस्तकों का प्रणयन। अनेक पुरस्कारों व सम्मानों से विभूषित। राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में हजारों लेख प्रकाशित। ज्योतिष सम्बंधी अनेक पत्रिकाओं यथा अग्रहायण, ‘आनन्द भाष्कर पंचांग’ तथा सूचना पंचांग का सम्पादन। अखिल भारतीय ज्योतिर्विज्ञान तथा सांस्कृतिक शोध परिषद की स्थापना तथा चार वर्षीय प्रशिक्षण एवं शिक्षा कार्यक्रम का संचालन।
Read Moreखड्ग सिंह वल्दिया
1965-66 में अमेरिका के जान हापकिन्स विश्वविद्यालय के ‘पोस्ट डाक्टरल’अध्ययन और फुलब्राइट फैलो। 1969 तक लखनऊ वि.वि. में प्रवक्ता। राजस्थान वि.वि., जयपुर में रीडर। 1973-76 तक वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियॉलॉजी में वरिष्ट वैज्ञानिक अधिकारी। 1976 से 1995 तक कुमाऊँ विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर रहे। 1981 में कुमाऊँ वि.वि के कुलपति तथा 1984 और 1992 में कार्यवाहक कुलपति रहे। 1995 से जवाहरलाल नेहरू सेन्टर फार एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च केन्द्र बंगलौर में प्रोफेसर हैं।
Read Moreगंगा प्रसाद विमल
तीन दर्जन के करीब पुस्तकें छपीं। देश में रहकर अनेक विदेशी कृतियों का अनुवाद किया। अनेक देशों में वहां के विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए। देश-विदेश के अनेक साहित्य सम्मेलनों में हिस्सेदारी। देश-विदेश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं के संपादक मंडल के सदस्य। बल्गारिया का यावरोव सम्मान, इटली के कला विश्वविद्यालय का सम्मान, पोयट्री पीपुल सम्मान तथा केरल का कुमारन आशान सम्मान से अलंकृत।
Read Moreयमुना दत्त वैष्णव ‘अशोक’
मई 1926 में कक्षा 4 में वजीफे का इम्तहान देने हेतु 28 मील की पैदल यात्रा के बाद इम्तहान उत्तीर्ण कर मिडिल कक्षाओं के लिए वजीफा प्राप्त किया। इंटर के बाद कुमाऊं सेंटिनरी छात्रवृत्ति सहित बी.एससी. (आनर्स) किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्वर्ण जयन्ती गल्प प्रतियोगिता में प्रथम स्थान।इतिहास, संस्कृति, भाषा विज्ञान आदि क्षेत्रों में अनेक पुस्तकों का सृजन।
Read Moreराधा कृष्ण वैष्णव
1939-1994 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ा रहा। 1943-48 तक जिला बोर्ड गढ़वाल का प्रदेश में सब से कम उम्र का सदस्य। हूँ। सीनियर वाइस चैयरमैन। 1991-92 में उ.प्र. शासन द्वारा स्वतंत्रता संग्राम पत्रकार के रूप में सम्मानित तथा पेंशन स्वीकृत। चमोली गढ़वाल एवं पर्वतीय क्षेत्र में अनेक सरकारी, गैरसरकारी संगठनों में सक्रिय और अनेक साहित्यक और सामाजिक समारोहों में सम्मानित। उत्तरांचल का वरिष्ठ पत्रकार (67 वर्ष की पत्रकारिता) तथा प्रदेश का एकमात्र शासन द्वारा पेंशन प्राप्त सम्मानित पत्रकार।
Read Moreकीर्तिबल्लभ शक्टा
साहित्य साधना संस्कृत, हिन्दी। हिन्दी व संस्कृत में अनेक पुस्तकें प्रकाशित व प्रकाशनाधीन। संस्कृत लघुकथाओं व लघु नाटकों के संकलन पर संस्कृत अकादमी, दिल्ली द्वारा पुरस्कृत।
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