मुकुल पंवार

1975-1988 तक राष्ट्रीय संग्रहालय में सेवारत। 1988 से उद्योग मंत्रालय में उप निदेशक (डिजायनिंग) भारत भवन, भोपाल, सातवीं अन्तर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी, हैदराबाद एवं अहमदाबाद, स्कल्पचर फोरम ऑफ इण्डिया, आइफेक्स की वार्षिक प्रदर्शनियाँ और साहित्य कला परिषद की प्रदर्शनियों में भागीदारी। 1980 में इण्टरनेशनल ट्रेड फेयर, दुबई में देश का प्रतिनिधित्व किया। यू.पी. आर्टिस्ट एसोसिएशन, आइफेक्स द्वारा क्रमशः 1970 और 1978 में सम्मानित। 1981 और 1990 में नेशनल अवार्ड से सम्मानित। विभिन्न विश्वविद्यालयों में परीक्षक।

Read More

राम प्रसाद

प्रकाशिकी शोध व विकास में पेशेवर नेतृत्व, विज्ञान की सामाजिक भूमिका पर गहन कार्य, ‘वल्र्ड फैडरेशन ऑफ साइंटिफिक वर्कर्स’ के जरिए विज्ञान कर्मियों के आंदोलन का विश्वस्तरीय नेतृत्व, टेक्नोलॉजकल नर्सरियों व औद्योगिक बागानों की अवधारणा।

Read More

जगदीश प्रसाद ‘जग्गू नौड़ियाल’

शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार (1987-88); राष्ट्रीय सहस्राब्दि हिन्दी सम्मान (पानीपत-2000) पद्मश्री डा. लक्ष्मीनारायण दुबे सम्मान (पानीपत-2001)। रचनाओं में गीतु की गाड़ (1963), समलौण (1979), मुनाल का पड़ोस (1985), कामधेनु की जर्जर काया (2003) प्रसिद्ध हैं।

Read More

त्रिलोक सिंह पपोला

लखनऊ वि.वि., सरदार पटेल इंस्टटीट्यूट ऑव इकोनामिक एण्ड सोशल रिसर्च अहमदाबाद तथा बम्बई विश्वविद्यालय में शोध तथा शिक्षण कार्य। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑव मैनेजमेंट अहमदाबाद में प्रोफेसर। 1977 से 1987 तक गिरि इंस्टीट्यूट ऑव डवलपमेंट स्टडीज, लखनऊ के संस्थापक निदेशक/प्रोफेसर। 1987 से 1995 तक योजना आयोग के वरिष्ठ परामर्शी तथा सलाहकार। 1995 से 2002 तक ICIMOD काठमाण्डू में माउण्टेन इंटरप्राइजेज एण्ड इंन्फ्रास्ट्रक्चर डिविजन के प्रमुख। सम्प्रति- इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डवलपमेंट, दिल्ली में प्रोफेसर। कैम्ब्रिज वि.वि. UNCTAD जिनेवा, ILO , UNDP, UNICEF,UNIDO आदि से भी सम्बन्धित रहे। अनेक चर्चित शोध पत्रों तथा पुस्तकों के लेखक और अनेक बार पुरस्कृत।

Read More

हरी दत्त पन्त

बचपन से ही स्वतंत्रता आंदोलन की ओर झुकाव। भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सेदारी। ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ षड्यंत्र के मुख्य आरोपी घोषित और गिरफ्तार। मृत्युदण्ड की सजा जो बाद में 29 साल के कठोर कारावास में बदल दी गयी। जेल के भीतर भी आंदोलन में सक्रिय। स्वतंत्रता के बाद सामाजिक कार्यों में संलग्न तथा गांव में जाकर रहने लगे। उत्तर प्रदेश के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानियों में एक।

Read More

कैलाश चन्द्र पपनै

पत्रकारिता के विविधतापूर्ण अनुभव और पत्रकारिता के माध्यम से उत्तराखण्ड की परोक्ष रूप में सेवा। सम्प्रतिः ब्यूरो चीफ। दैनिक हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।

Read More

चन्द्र मोहन पपनै

पर्वतीय कला केन्द्र के सचिव, चीन, कोरिया, हांगकांग व थाइलैंड की यात्रा द्वारा भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद, भारत सरकार। वर्तमान में दिल्ली फैडरेशन ऑफ न्यूजपेपर इम्प्लाइज के अध्यक्ष, उत्तरांचल विकास परिषद के सचिव, पाँच पुस्तकों का लेखन, उत्तरांचल पॉप के अनेक गीतों की रचना, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन, अनेक संस्थाओं से सम्बंध, 1979 से समाचारपत्र इंडियन एक्सप्रेस, जनसत्ता में कार्यरत। वर्तमान में प्रकृत लोक पत्रिका के प्रबन्ध संपादक।

Read More