चन्द्रशेखर सनवाल (Chandrasekhar Sanwal)
(माताः श्रीमती चित्रा सनवाल, पिताः स्व. देवी दत्त सनवाल)
जन्मतिथि : 15 नवम्बर 1938
जन्म स्थान : द्योनला
पैतृक गाँव : द्योनला जिला : अल्मोड़ा
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 3 पुत्रियाँ
शिक्षा : एम.ई.
हाईस्कूल, इण्टर- राजकीय इण्टर कालेज, नैनीताल
बी.ई., एम.ई.- रुड़की विश्वविद्यालय
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः महात्मा श्री रामचंद्र जी (शाहजहाँपुर वाले) द्वारा दीक्षित होकर सहज मार्ग का अनुसरण
प्रमुख उपलब्धियाँ : रुड़की विश्वविद्यालय की एम.ई. परीक्षा में कुलपति स्वर्ण पदक एवं विश्वद्यिालय स्वर्ण पदक प्राप्त; दल नायक के रूप में युवा महोत्सव में भागीदारी। उ.प्र. लोक निर्माण विभाग द्वारा सहायक अभियंता पद पर उत्कृष्ठ कार्य के लिए प्रशस्तिपत्र। 1971 में राज्यपाल द्वारा अधिशासी अभियंता पद पर प्रशंसित। उ.प्र. राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक पद पर अध्यक्ष द्वारा पुरस्कृत। प्रमुख अभियंता, लो.नि.वि., उ.प्र. (उत्तरांचल सहित) के पद से 1996 में सेवानिवृत्ति।
युवाओं के नाम संदेशः बचपन से ही शारीरिक और मानसिक भोजन की शिक्षा दी जानी चाहिए। बचपन से ही भोजन, निद्रा और व्यायाम की सही आदत डाल देने से बाद में दवाओं की आवश्यकता बहुत कम की जा सकती है। बचपन से ही चरित्र और अच्छे व्यवहार का संस्कार ही विश्वबंधुत्व और सुखी व शांतिपूर्ण विश्व के लिए समर्पित आदर्श नागरिक बना सकता है।
विशेषज्ञता : प्रबन्धन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।