गौरी पन्त (Gauri Pant)
(माताः स्व. हरिप्रिया , पिताः स्व. जीवानन्द पाण्डे )
जन्मतिथि : 1920
जन्म स्थान : नैनीताल
जिला : नैनीताल
वैवाहिक स्थिति : विधवा बच्चे : 2 पुत्र
शिक्षा : शिक्षा अधिकतर घर पर ही हुई।
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः विवाह।
प्रमुख उपलब्धियाँ : ‘हू इज हू इंटरनेशनल पोइट्री सोसाइटी’ के अनेक भाषाओं की कविताओं का अनुवाद। नेशनल गैलरी ऑफ माडर्न आर्ट नई दिल्ली एवं ग्लेन बारा आर्ट म्यूजियम जापान में चित्र प्रदर्शित।
युवाओं के नाम संदेशः उत्तराखण्ड देवभूमि कही गयी है। वहाँ जन्म लेना हमारे लिए परम सौभाग्य की बात है, गौरव है। प्रकृति ने हमारी जन्मभूमि को अद्भुत सौन्दर्य देकर संवारा है। हमें विरासत में जो कुछ मिला है उसे वर्तमान के साथ जोड़ते, निखारते आगे बढ़ना है- विशेषकर युवा पीढ़ी को।
विशेषज्ञता : चित्रकला, साहित्य।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।