घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की

उत्तराखण्ड का लोकसंगीत न्यौली और खुदैड़ जैसे विरह गीतों से भरा पड़ा है। इन गीतों का अधिकांश भाग विवाहित महिलाओं पर आधारित है जो विकट ससुराल के कष्टपूर्ण जीवन को कोसते हुए मायके के दिन याद करती हैं। पहाड़ के गांवों में महिलाओं का जीवन अत्यंत संघर्षशील और कष्टप्रद है। दिनभर खेत-खलिहान-जंगल, मवेशियों और घर-परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर संभालने वाली मेहनतकश, मजबूत नारी को सामान्यत: इतना अवकाश भी नहीं मिल पाता कि वह अपने मायके को याद कर पाये। लेकिन जैसे ही चैत (चैत्र) का महीना लगता है एक जंगली पक्षी "घुघूती" की उदासी भरी आवाज सुनकर महिलाओं को बरबस अपने मायके की याद आ जाती है। ससुराल में रहते हुए वह अनुमान लगाती है कि इस समय उसके मायके के कैसे हाल-चाल होंगे।

यह एक बहुत पुराना लोकगीत है जिसे काफी पहले नरेन्द्र सिंह नेगी जी अपनी एक ओडियो कैसेट में गाया था। यहाँ हम उस पुराने ऑडियो को और नये वीडियो वाले गीत दोनों को प्रस्तुत कर रहे हैं। इसका वीडियो नेगी जी के "चलि भै मोटर चली" वीडियो एलबम में मीना राणा की आवाज में गाये गये गाने को लेकर फिल्माया गया है।

भावार्थ – फिर से चैत का महीना लौट आया है और मेरे मायके की घुघुती अपनी उदासी भरी आवाज में "घुंराणे" (आवाज करने) लगी है। मेरे मायके के सामने दिखने वाले पहाड़ों की बर्फ अब शायद पिघलने लगी होगी और जंगल पुन: पल्लवित होने लगे होंगे। नवजात पक्षी अब अपने घोंसलों से निकलकर उड़ने लगे होंगे, जंगलों में सुन्दर लाल बुरांश के फूल खिलने लगे होंगे। फूल और पत्तियां लेकर गांव के बच्चे सभी घरों की देहरियों पर जाकर पूजन कर रहे होंगे। [फूलदेई पर्व में देहरियाँ पूजी जाती हैं] और मेरे सौभाग्यशाली सहेलियां मिलकर उत्साह और उमंग से भरे थड़्या और चौंफुला नृत्यों  में मग्न होंगी। मेरे मायके वाले घर की चौखट पर बैठे मेरे पिताजी उदास बैठे होंगे और मेरी बीमार माँ मेरी राह देखती होगी। मेरे मायके की तरफ़ से आने वाला कोई आदमी मेरे भाई-बहनों की राजी-खुशी की खबर ले आता तो कुछ तसल्ली मिलती।

गीत के बोल देवनागिरी में

[ मीना राणा द्वारा गाये गीत में कुछ शब्दों का उच्चारण भिन्न है जैसे उसमें ‘म्यारा’ की जगह ‘मेरा’, ‘बौण’ की जगह ‘बण’ व ‘ह्वाला’ की जगह ‘होला’ गाया गया है।]

घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की, बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु,ऋतु चैत की
घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की, बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु,ऋतु चैत की, ऋतु,ऋतु चैत की

डांणी कांठ्यूं को ह्यूं, गौली गै होलो, म्यारा मैता को बौण, मौली गै होलो
डांणी कांठ्यूं को ह्यूं, गौली गै होलो, म्यारा मैता को बौण, मौली गै होलो
चाकुला घोलू छोड़ि उड़णा ह्वाला, चाकुला घोलू छोड़ी उड़णा ह्वाला
बैठुला मेतुड़ा कु, पैटणा ह्वाला
घुघूती घुरूंण लगी हो… .
घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु,ऋतु चैत की, ऋतु, ऋतु चैत की

चैत महीना व भिटौली अल्मोड़ा में लोग अपनी कुंवारी कन्याओं को भी भिटोली देते हैं जिसमें वे लोग पूरी, सै (चावल का व्यंजन), मिठाई, कपडे और रुपये आदि अपनी लड़कियों को देते हैं तथा मोहल्ले की लड़कियों को पूरी, सै ,मिठाई और रुपये देते हैं.इस प्रकार यह भिटोली पूरे मोहल्ले में बांटी जाती है, लेकिन जिन घरों में लड़कियाँ नहीं होती हैं,वहाँ रुपये को छोड़ कर केवल पकवान दिए जाते हैं. आगे पढें……..

डाण्यूं खिलणा होला बुरसी का फूल, पाख्यूं हैंसणी होली फ्योली मुल-मुल
डाण्यूं खिलणा होला बुरसी का फूल, पाख्यूं हैंसणी होली फ्योली मुल-मुल
कुलारी फुल-पाति लैकि दैल्यूं- दैल्यूं जाला, कुलारी फुल-पाति लेकी, दैल्यूं- दैल्यूं जाला
दगड़्या भग्यान थड़या-चौंफला लगाला
घुघूती घुरूंण लगी हो…
घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु,ऋतु चैत की, ऋतु, ऋतु चैत की

तिबरि मां बैठ्या ह्वाला बाबाजी उदास, बाटु हैनी होली मांजी लागी होली सास
तिबरि मां बैठ्या ह्वाला बाबाजी उदास, बाटु हैनी होली मांजी लागी होली सास
कब म्यारा मैती औजी दिसा भैटि आला, कब म्यारा मैती औजी, दिसा भैटि आला
कब म्यारा भै-बैंणों की राजि-खुशि ल्याला
घुघूती घुरूंण लगी हो…
घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की बौड़ी-बौड़ी ऐगै ऋतु ,ऋतु चैत की, ऋतु, ऋतु चैत की
ऋतु, ऋतु चैत की, ऋतु, ऋतु चैत की ऋतु, ऋतु चैत की ऋतु, ऋतु चैत की

 

नेगी जी की आवाज में पुराना गाना 

गीत : [audio:ghughuti-ghuroon-lagi-myara-mait-kee-narendra-singh-negi.mp3]

वही गाना मीना राणा की आवाज में

गीत : [audio:ghughuti-ghuroon-lagi-myara-mait-kee-meena-rana.mp3]

 

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है।

अपना उत्तराखंड में उत्तराखंड से संबंधित गीत केवल उत्तराखंड के संगीत को बढ़ावा देने के लिये हैं। यदि आपको यह पसंद आयें तो निवेदन है कि बाजार से इन्हे सीडी या कैसेट के रूप में खरीद कर उत्तराखंडी संगीत को बढ़ावा दें। हम यथा-संभव सीडी या कैसेट की जानकारी देने का प्रयास करते हैं। यदि आपको इससे संबंधित जानकारी हो तो क़ृपया टिप्पणी में बतायें।

 

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Album : Chali Bhai Motor Chali,  Audio-Video : T-Series

Disclaimer : These songs are only to promote Uttarakhandi Music. If you like these then please buy original Cd/Cassettes and help Uttarakhandi Music.

Ghughuti Ghuroon Lagi

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2 Thoughts to “घुघूती घुरूंण लगी म्यारा मैत की”

  1. vedvilas

    gopal goswamiji ke itne madur aur sunder giton ka itna bura filmankan,,. dhuk hota hai is samajh par na geeton ki samajh na kala ki, gopal babu ke saath anyay hai ye

  2. J. S. Bisht

    Shri Narendra ji and Late Sh. gopal Babu Goswami are most legent of uttrakhand they are never forgettable singer, unko mera sat sat naman pranaam.

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