जगदीश चन्द्र पाण्डेय

जगदीश चन्द्र पाण्डेय (Jagdeesh Chandra Pandey)

(माताः श्रीमती मोहिनी देवी, पिताः स्व. जय बल्लभ पाण्डेय)

जन्मतिथि : 1 जुलाई 1937

जन्म स्थान : रानीखेत

पैतृक गाँव : खड़गोली जिला : अल्मोड़ा

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 5 पुत्रियाँ

शिक्षा : बी.ए., प्रभाकर

प्राथमिक शिक्षा- प्राइमरी पाठशाला, खिरखेत

मिडिल- नेशनल स्कूल, रानीखेत

हाईस्कूल- मिशन स्कूल, रानीखेत

इण्टर- प्राइवेट, यू.पी. बोर्ड

बी.ए.- मेरठ विश्वविद्यालय

प्रभाकर- पंजाब विश्वविद्यालय

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः दिल्ली में तीन साल बेकार रहा और दिल्ली की सड़कों ने ही मुझे लेखक बनाया (1953 से 1956)।

प्रमुख उपलब्धियाँ : अब तक छः उपन्यास जैसे- ‘गगास के तट पर’ ‘संज्ञा से पहले’, ‘महाकालेश्वर की एक रात’, ‘जानकी से जानकी तक’ ‘धरती और नींव’, ‘दिवोदास के उत्तराधिकारी’ और चार कहानी संग्रह ‘कहा था सुना था’, ‘नेकी राम की चारपाइयाँ’, ‘अपना-अपना दुःख’ प्रकाशित। दिल्ली हिन्दी अकादमी का साहित्यिक कृति पुरस्कार

युवाओं के नाम संदेशः उत्तराखण्ड की नैसर्गिक प्राकृतिक सम्पदा का अधिक से अधिक उपयोग कर राज्य को भारत का सबसे समृद्ध राज्य बनायें क्योंकि यहां अतुल सम्पदा है। बस प्रश्न उसके उपयोग का है।

विशेषज्ञता : साहित्य

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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