रंग नीलु उंचा अगास को – दिखैंणा कुई नीलु

नरेन्द्र सिंह नेगी के गानों में कोमल मानवीय भावनाएं तथा जीवन का सार अन्तर्निहित रहता है। यह सुन्दर गाना देखिये-एक युवक किसी अत्यन्त सुन्दर युवती से कुछ सवाल पूछ रहा है। सामान्य रूप से देखने पर इस गाने के बोल प्रेमी द्वारा प्रेमिका को रिझाने के लिये बोले गये संवाद प्रतीत हो सकते हैं, लेकिन यदि बोलों के गूढ अर्थ को समझा जाये तो असल में कवि/गायक युवती के शारीरिक सौन्दर्य को नगण्य मानते हुए उसके अन्तर्मन की सुन्दरता को परखने की कोशिश कर रहा है।

भावार्थ : आकाश का रंग नीला दिखता है और गंगाजी का रंग हरा, लेकिन हकीकत यह है कि इन रंगों का हमें सिर्फ आभास होता है। हे सुन्दरी तुम्हें भी तो सब लोग मायादार (प्रेयसी) बोलते हैं लेकिन तुम्हारा यह प्रेम भी कहीं सिर्फ दिखलावा तो नहीं है?

नीची गंगा घाटियों में रहने वाले लोग कहते हैं कि तुम्हारा रूप ऐसा स्वच्छ लगता है जैसे उसमें से धोकर और छानकर सभी कमियां निकाल दी गयी हों। ऊंचे पर्वतों पर रहने वाले लोगों को तुम्हारा रूप बुरांश फूल को निचोड़ कर निकाले गये रस जैसा गुलाबी लगता है। वैसे तो सारी दुनिया तुम्हें बांद (सुन्दरी) कहती है लेकिन तुम मन की भी सुन्दर हो या फिर तुम्हारी यह सुन्दरता सिर्फ बाहर से देखने भर की है।

पुरुषों को लगता है कि तुम्हारा चेहरा ऐसे चमकता है जैसे पहाड़ की चोटियां धूप पड़ने पर खिल जाती हैं। महिलाओं को लगता है कि तुम्हारे मांसल हाथ-पर और छरहरी काया किसी रानि की तरह लगती है। यदि लोग कहते हैं तो निश्चित ही तुम बहुत अच्छी होगी लेकिन क्या तुम्हारा स्वभाव और आचरण भी अच्छा है या फिर तुम खाली देखने की ही भली हो?

बाहर का रंग तो अक्सर देखने पर आंखें चकरा जाती हैं लेकिन अन्दर के रंगों का रहस्य समझ पाना कहुत कठिन है। जो दूसरे के दिल के रंग को समझ जाता है वह ही सयाना (बुद्धिमान) है और फिर कभी धोखा नहीं खा सकता। वैसे तो तेरी आंखों में भी रंग हैं और रूप में भी। लेकिन क्या तुममें लाज-शरम का रंग भी है या फिर तुम ऐसे ही दिखने की रंगीन हो।

जिस तरह आकाश का आभासी रंग नीला होता है और गंगाजी का रंग हरा, लेकिन हकीकत यह है कि यह वास्तविक रंग नही होते हैं। हे सुन्दरी तुम्हें भी तो सब लोग मायादार (प्रेयसी) बोलते हैं लेकिन तुम्हारा यह प्रेम भी कहीं सिर्फ दिखावा भर तो नहीं है?

यह गाना नेगी जी की “टपकरा” आडियो कैसेट में रिलीज हुआ था।

गीत के बोल देवनागिरी में

rang-neelo-uncho-agas-ko
रंग नीलू ऊंचो अगास को

रंग नीलु उंचा अगास को, रंग नीलु उंचा अगास को – दिखैंणा कुई नीलु
रंग हेरु गेरि गंगा जी को, रंग हेरु गेरि गंगा जी को – दिखैंणा कुई हेरु
मायादार बोदिन त्वैकु – मायादार बोदिन त्वैकु
छै च माया त्वैमां – के तू भि देखिणां की छै
रंग नीलु उंचा अगास को, रंग नीलु उंचा अगास को – दिखैंणा कुई नीलु
रंग हेरु गेरि गंगा जी को, रंग हेरु गेरि गंगा जी को

रूप चलौं-मटैळ्यों मां छण्युं, निस्स गंगाड़ि भाबरि बोदिन
आ हा आ हा गंगाड़ि भाबरि बोदिन,
रंग बुरांस कु फूल निचोड़्युं, उच्चा डांडों का रैबासि बोदिन
आ हा आ हा रैबासि बोल्दिन
बांद बोदि सेरि दुन्या त्वैकु – बांद बोदि सेरि दुन्या त्वैकु
मन कि भि छै बांद, के बांद देखिणां

rang-hairu-geri-ganga-ji-ko
रंग हेरु गेरि गंगा जी को

की छै
रंग नीलु उंचा अगास को, रंग नीलु उंचा अगास को – दिखैंणा कुई नीलु
रंग हेरु गेरि गंगा जी को, रंग हेरु गेरि गंगा जी को

कांठो सुरिज सी दप्प मुखुड़ि, बैख बोदिन क्या भलि क्या स्वांणि
आ हा आ हा क्या भलि क्या स्वांणि
बुंदक्यालि हाथखुट्टी, गात छिड़छिड़ि, बांद बोदिन जनि राजो कि रांणि
आ हा आ हा जनि राजो कि रांणि
लोग बोदिन त भलि हि होलि – लोग बोदिन त भलि हि होलि
सगोर सुभो भि छ भलो, के भलि दिखेणां कि छै
रंग नीलु उंचा अगास को, रंग नीलु उंचा अगास को – दिखैंणा कुई नीलु
रंग हेरु गेरि गंगा जी को, रंग हेरु गेरि गंगा जी को

sundari
मायादार बोदिन त्वैकु

भैरा का रंगु में आंखा रंगर्यांन्दा, भितर का रंगों को भेद नि पान्दा
आ हा आ हा बल भेद नि पान्दा
जिकुड़ि को रंग पछ्याड़ हालि जोन, वो सयांणा कभि धोख्खा नि खान्दा
आ हा आ हा बल धोख्खा नि खान्दा
आख्युं मां रंग तेरि सान्यु मां रंग, आख्युं मां रंग तेरि सान्यु मां रंग
लाज को रंग भि त्वैंमां, के रंगीन देखिणां की छै
रंग नीलु उंचा अगास को, रंग नीलु उंचा अगास को – दिखैंणा कुई नीलु
रंग हेरु गेरि गंगा जी को, रंग हेरु गेरि गंगा जी को – दिखैंणा कुई हेरु
मायादार बोदिन त्वैकु – मायादार बोदिन त्वैकु
छै च माया त्वैमां – के तू भि देखिंणां की छै
रंग नीलु उंचा अगास को, रंग नीलु उंचा अगास को – दिखैंणा कुई नीलु
रंग हेरु गेरि गंगा जी को, रंग हेरु गेरि गंगा जी को

गीत : [audio:rang-neelo-uncho-agas-ko-narendra-singh-negi.mp3]

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है।

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Lyrics of the Song “Rung Neelo Ooncha Agas Ko”

rung neelu ooncha agaas ko, rung neelu ooncha agaas ko – dikhai.nNaa kuee neelu
rung heru geri gangaa jee ko, rung heru geri gangaa jee ko – dikhai.nNaa kuee heru
maayaadaar bodin tvaiku – maayaadaar bodin tvaiku
chhai ch maayaa tvaimaa.n – ke too bhi dekhiNaa.n kee chhai
rung neelu ooncha agaas ko, rung neelu ooncha agaas ko – dikhai.nNaa kuee neelu
rung heru geri gangaa jee ko, rung heru geri gangaa jee ko

roop chalau.n-maTail.hyo.n maa.n chhaNyu.n, niss gangaari bhaabari bodin
aa haa aa haa gangaari bhaabari bodin,
rung buraa.ns ku phool nichor.hyu.n, uchchaa Daa.nDo.n kaa raibaasi bodin
aa haa aa haa raibaasi boldin
baa.nd bodi seri dunyaa tvaiku – baa.nd bodi seri dunyaa tvaiku
man ki bhi chhai baa.nd, ke baa.nd dekhiNaa.n kee chhai
rung neelu ooncha agaas ko, rung neelu ooncha agaas ko – dikhai.nNaa kuee neelu
rung heru geri gangaa jee ko, rung heru geri gangaa jee ko

kaa.nTho surij see dapp mukhuri, baikh bodin kyaa bhali kyaa svaa.nNi
aa haa aa haa kyaa bhali kyaa svaa.nNi
bu.ndakyaali haathakhuTTee, gaat chhirchhiri, baa.nd bodin jani raajo ki raa.nNi
aa haa aa haa jani raajo ki raa.nNi
log bodin t bhali hi holi – log bodin t bhali hi holi
sagor subho bhi chh bhalo, ke bhali dikheNaa.n ki chhai
rung neelu ooncha agaas ko, rung neelu ooncha agaas ko – dikhai.nNaa kuee neelu
rung heru geri gangaa jee ko, rung heru geri gangaa jee ko

bhairaa kaa rungu me.n aa.nkhaa rungaryaa.nndaa, bhitar kaa rungo.n ko bhed ni paandaa
aa haa aa haa bal bhed ni paandaa
jikuri ko rung pachhyaar haali jon, vo sayaa.nNaa kabhi dhokhkhaa ni khaandaa
aa haa aa haa bal dhokhkhaa ni khaandaa
aakhyu.n maa.n rung teri saanyu maa.n rung, aakhyu.n maa.n rung teri saanyu maa.n rung
laaj ko rung bhi tvai.nmaa.n, ke rungeen dekhiNaa.n kee chhai
rung neelu ooncha agaas ko, rung neelu ooncha agaas ko – dikhai.nNaa kuee neelu
rung heru geri gangaa jee ko, rung heru geri gangaa jee ko – dikhai.nNaa kuee heru
maayaadaar bodin tvaiku – maayaadaar bodin tvaiku
chhai ch maayaa tvaimaa.n – ke too bhi dekhi.nNaa.n kee chhai
rung neelu ooncha agaas ko, rung neelu ooncha agaas ko – dikhai.nNaa kuee neelu
rung heru geri gangaa jee ko, rung heru geri gangaa jee ko

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Album : Tapkara Audio: T.Series

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5 Thoughts to “रंग नीलु उंचा अगास को – दिखैंणा कुई नीलु”

  1. Ranjit Singh Gosain

    bahut badia geet cha bhai ji ….bahut bahut dhanyavaad discribe kana ko……………

  2. bhaiji,

    Bahot Bahot dhanyawad tumhar, yu geet methain bahot pasand cha meen ya geet thain kan kankay kan down load huval mee bahot bada fan chaun negi je ka bachpan bateek ar jara methia agar u geet CD ma mel jal to methain mail karo appak bahot bahot dhanyawad

    Yash

  3. deepu chauhan

    aahaaaaaaaaaaaaa;;;;;;;;;;;;;;;;;; kan geet gandha cha negi da dil khus whe jandu….. negi daa aap hum logo tei bhagwan ku diyeau thopha cha.

  4. ram rana

    awesome lyrics by garhratan shri narendra singh negi ji god bless you

  5. pushpa

    fufa ji nameste

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