साँस छिन आस-औलाद तुमारी हमारी डाली – झम्म

उत्तराखंडी लोक गायक पर्यावरण को बचाने, पेड़ों को ना काटने का संदेश देते हुए लोकगीत गाते रहे हैं। ऐसे ही कुछ गीत हम पहले ही आपको सुना चुके हैं जैसे  आवा दिदा भुलौं आवा, नांग धारति की ढकावा , डाळि बनबनी लगावा या डाल्यूं ना काटा चुचो डाल्यूं ना काटा, या फिर आज यो मेरी सुणो पुकारा, धात लगुंछो आज हिमाला । आज नरेन्द्र सिंह नेगी जी द्वारा गाये गये पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के महत्व को समझाते हुए एक और गीत को प्रस्तुत कर रहे हैं। इस गाने में भी नेगी जी ने पहाड़ों में पायी जाने वाली विभिन्न वनस्पतियों का उल्लेख करते हुए मानव जीवन में उनके महत्व को रेखांकित किया है। इस गाने में पहाड़ के लोगों से अनुरोध किया गया है कि वह वनस्पतियों को अपने जीवन में महत्व देते हुए वनो के कटान को रोकें और ज्यादा से ज्यादा नये पेड़ लगायें।

[ पिछ्ले गीत की टिप्पणी में हमारे सदस्य श्री सुन्दर सिंह नेगी ने कहा कि हमको गीतकार व संगीतकार का नाम भी गाने के साथ देना चाहिये। सुन्दर जी हमारी कोशिश रहती है कि हम ऐसा करें लेकिन कई बार हमें खुद भी यह जानकारी नहीं रहती। इसलिये हमें सभी पाठकों व सद्स्यों से यह अनुरोध करते हैं कि यदि उन्हें यह जानकारी हो तो वह टिप्पणी के माध्यम से हमें बतायें हम तुरंत उसे शामिल कर लेंगे। ]

भावार्थ : ये पेड़ों की डालियां हमारी और तुम्हारी साँस हैं, सन्तान हैं। इनको ना काटो! भला इन्होंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?

जंगलों में रिंगाल, ग्वीराल (कचनार) और सेमाल के ये पेड़ लगे हैं और ऊंचे पर्वतों पर बांज, बुरांश और काफल, पय्यां (पदम), देवदार के पेड़ लगे हैं। तुम भी कुछ सोचो-विचारो और नये पौधे लगाओ।

इन्हीं पेड़ों और जंगलों से हमें और तुम्हें तरह-तरह की जड़ी-बूटियां, फल-फूल और चारा-लकड़ी मिलती है। देखो इन आम, अनार, सेब, आड़ू, अनार, चीड़, खड़ीक और पीपल और भीमल के पेड़ों को। यही पेड़-पौधे तो जीवों में जीवन का संचार करते हैं। धरती माँ की शोभा बढाते हैं और मकानों के सामने लगे हों तो मकान की शान बढ जाती है। इन्हीं पौधों से हमारे दुधारू पशुओं के लिये चारा मिलता है और धूप से परेशान मनुष्य को छाया भी यही देते हैं।

इन पेड़ों का मनुष्य जीवन के हर चरण में महत्वपूर्ण स्थान है। जन्म, नामकरण से लेकर मृत्यु उपरान्त जलाने तक यही काम आते हैं और शादी-विवाह, पूजापाठ आदि अन्य संस्कार भी इनके बिना पूरे नहीं हो सकते। तो भाइयों-बहनों अपने कुल देवता को समर्पित करते हुए तुम भी नये पौधे रोपो क्यूंकि ये पेड़ों की डालियां हमारी और तुम्हारी साँस हैं, सन्तानों के समान हैं। ना काटो इनको! भला इन्होंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?

गीत के बोल देवनागिरी में

साँस छिन आस-औलाद तुमारी हमारी डाली – झम्म
झमले साँस छिन आस-औलाद, तुमारी-हमारी डाली झम्म – झम रे(कोरस)
ना काटा यून तुमारु क्या कारि बिचारि डाली – झम्म
झमले ना काटा यून तुमारु क्या कारि बिचारि डाली – झम्म (कोरस)
झमले साँस छिन आस-औलाद, तुमारी-हमारी डाली झम्म (कोरस)

रौंल्यूं रिंगाळ, ग्वीराल, सेमाल की,
रौंल्यूं रिंगाळ ग्वीराल सेमाल की (कोरस)
डांड़्यूं मां बांज बुरांस काफल की
डांड़्यूं मां बांज बुरांस काफल की (कोरस)
रौंल्यूं रिंगाळ, ग्वीराल, सेमाल की, डांड़्यूं मां बांज बुरांस काफल की
पय्याँ देबदार की तोणी दीवार की, डाली लगा जरा सोच विचार की डाली, डाली झम्म
झमले, साँस छिन आस-औलाद, तुमारी-हमारी डाली झम्म (कोरस)
झमले ना काटा यून तुमारु क्या कारि बिचारि डाली – झम्म (कोरस)

जड़ि-बूटि फलफूल लखड़ौं की चारै की
जड़ि-बूटि फलफूल लखड़ौं की चारै की (कोरस)
आम अखोड़ स्यो आरू अनारैकी
आम अखोड़ स्यो आरू अनारैकी (कोरस)
जड़ि-बूटि फलफूल लखड़ौं की चारै की – आम अखोड़ स्यो आरू अनारैकी
रौंसुला डैंकण कुलैं भीमल की, भूलीना गेंठी खड़ीक पीपल की डाली, डाली झम्म
झमले, साँस छिन आस-औलाद, तुमारी-हमारी डाली झम्म (कोरस)
झमले -ना काटा यून तुमारु क्या कारि बिचारि डाली – झम्म (कोरस)

नामकरण मां जलम मां जणौंण मा
नामकरण मां जलम मां जणौंण मा (कोरस)
ब्यो कारिजूमा लगा समलौंण मा
ब्यो कारिजूमा लगा समलौंण मा (कोरस)
नामकरण मां जलम मां जणौंण मा, ब्यो कारिजूमा लगा समलौंण मा
कुलदेवी दयबतौं का नौंकी लगावादी, बागी-बुगठयों चुलै डाली सिरावदी डाली, डाली झम्म
झमले, साँस छिन आस-औलाद, तुमारी-हमारी डाली झम्म (कोरस)
झमले -ना काटा यून तुमारु क्या कारि बिचारि डाली – झम्म (कोरस)

गीत : [audio:sans-chhan-aas-aulad-hamari-narendra-singh-negi.mp3]

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है।

अपना उत्तराखंड में उत्तराखंड से संबंधित गीत केवल उत्तराखंड के संगीत को बढ़ावा देने के लिये हैं। यदि आपको यह पसंद आयें तो निवेदन है कि बाजार से इन्हे सीडी या कैसेट के रूप में खरीद कर उत्तराखंडी संगीत को बढ़ावा दें। हम यथा-संभव सीडी या कैसेट की जानकारी देने का प्रयास करते हैं। यदि आपको इससे संबंधित जानकारी हो तो क़ृपया टिप्पणी में बतायें।

Lyrics of the Song “Saans Chhin aas-aulad tumari hamari dali jham”

Saans chhin aas-aulad tumari hamari dali jham
Jhamle, Saans chhin aas-aulad tumari hamari dali jham, Jhamre (Chorus)
Na kaat yoon, tumaru kya kari bechari daali- jham
Jhamle, na kaat yoon tumaru kya kaari bechari daali- jham (Chorus)
Jhamale saans chhin aas-aulad tumari hamari dali jham (Chorus)

Raulyu ringal, gviraal, semaal ki
Raulyu ringal, gviraal, semaal ki (Chorus)
Daandyu ma baanj buraans kaafal ki
Daandyu ma baanj buraans kaafal ki (Chorus)
Payya debadaar ki toni diwaar ki, daali laga jara soch vichar ki dali, dali jhamm
Jhamle saans chhin aas-aulad tumari hamari dali jham (Chorus)
Jhamle, na kaat yoon tumaru kya kaari bechari daali- jham (Chorus)

Jadi booti phalphool lakhadau ki charai ki
Jadi booti phalphool lakhadau ki charai ki (Chorus)
Aam-akhod syo aaru anaraiki
Aam-akhod syo aaru anaraiki (Chorus)
Rosula daikan kulai bhimal ki, Bhulina gaithi khadik pipal ki dali, dali jhamm
Jhamle saans chhin aas-aulad tumari hamari dali jham (Chorus)
Jhamle, na kaat yoon tumaru kya kaari bechari daali- jham (Chorus)

Naamkaran ma jalam ma jalaun ma
Naamkaran ma jalam ma jalaun ma (Chorus)
Byo kaarijuma laga samalaun ma
Byo kaarijuma laga samalaun ma (Chorus)
Kuldevi dyabto ka nauki lagavadi, bagi-bugathyo chulai daali siravadi dali, dali jhamm
Jhamle saans chhin aas-aulad tumari hamari dali jham (Chorus)
Jhamle, na kaat yoon tumaru kya kaari bechari daali- jham (Chorus)

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Disclaimer : These songs are only to promote Uttarakhandi Music. If you like these then please buy original Cd/Cassettes and help Uttarakhandi Music.

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7 Thoughts to “साँस छिन आस-औलाद तुमारी हमारी डाली – झम्म”

  1. aju

    pl send latest g song

  2. wese to hum delhi me rahakar kamare (room) per har tarah ke sangeet se door hai kyoki yahan hum kewal nokari karte hai na hamara yahan apna ghar hai na koyee ghat.

    humari subaha 5 baje hoti hai or raat hoti hai 12 baje
    jo 4 gante hume milte hai unme hum bas so lete hai.

    is liye na to hamare paas koyee tep hai na koyee cassette.
    is liye hum aapko geetkar or sangeetkar or kuch bhi jankari nahi de sakte hai.

    kyonki hum aapki badolat hi net per uttarakhadi geet sangeet sunte hai.

  3. or han ye geet sunkar bhi hame bahut acha laga.

  4. naveen saklani

    आज मैने यें गाना पहली बार सुना और वों भी अप्णुउत्तराखंड के माध्यम से…
    धन्यवाद देना चाहूँगा हेम भाई और उन के सभी सदस्यों को..

  5. नवीन भाई,
    हमारी कोशिश यही है कि नरेन्द्र नेगी जी के ऐसे गानों को प्रस्तुत किया जाये जो बहुत अर्थपूर्ण और सार्थक हैं लेकिन कम सुने गये हैं… इस काम के लिये आपका सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है..

  6. ved

    baijji apku u prayaas kaafi saraahaneey ch. maithe badee khushich yee baat kee ki aap ek jaagarook manushya chan. meru ph-09873342143

  7. Ajay

    Sir,pls snd me al songs.i am vry fond of gharwal sngs.

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