शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’

शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ (Sher Singh Bisht ‘Anpad’)

(माताः स्व. लछिमा देवी, पिताः स्व. बची सिंह बिष्ट)

जन्मतिथि : 3 अक्टूबर 1933

जन्म स्थान : माल

पैतृक गाँव : माल जिला : अल्मोड़ा

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र

शिक्षा : स्कूल नहीं गए।

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः फौज में सिपाही था। 1962 में भारत-चीन युद्ध में घायल जवानों की स्थिति तथा चकलाघरों में मजबूर औरतों का पेशा देखकर कविता फूट पड़ी।

प्रमुख उपलब्धियाँ : 1. कुमाउँनी में छः कविता संग्रह तथा कुमाउँनीं कविताओं के दो आडियो कैसेट बने। 2. उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा दो पुस्तकों को अनुशंसा पुरस्कार। 3. लगभग पन्द्रह संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सम्मानित। 4. व्यक्तित्व व कृतित्व पर तीन लघु शोध हो चुके हैं।

युवाओं के नाम संदेशः लगन हो तो गगन मुट्ठी में, यही मेरा आग्रह है नयी पीढ़ी से।

विशेषज्ञता : गायक, लेखक।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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