दीवान सिंह भाकुनी

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय शोध के लिए शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार (1975), सर सी.वी. रमन अवार्ड (1989), रेनबैक्सी रिसर्च अवार्ड (1988), आचार्य पी.सी. राय अवार्ड, प्लेटीनम जुबली लेक्चरर, डा. आर.सी. शाह मेमोरियल लेक्चरर (1993), बी.सी. गुहा मेमोरियल लेक्चरर (1985), डा. शुकदेव एन्डोमेंट लेक्चरर। यू.जी.सी. लेक्चरर (1982) आदि सम्मानों से सम्मानित। इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी, इंडियन एकेडमी आफ साइंस तथा नेशनल एकेडमी आफ साइंस के फैलो।

Read More

हरिदत्त भट्ट ‘शैलेश’

दून स्कूल में हाउस मास्टर और भारतीय भाषा विभागाध्यक्ष रहते हुए 32 तक वर्ष अध्यापन, एस.एन. कालेज में 5 वर्ष प्रिंसिपल। मूर्धन्य हिन्दी-अंग्रेजी पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 400 कहानियाँ, उपन्यास, एकांकी, संस्मरण, यात्रावृत्त और लेख प्रकाशित। लगभग 35 पुस्तकें (उपन्यास, कहानी संग्रह, एकांकी, संस्मरण, पर्वतारोहण सम्बंधी पुस्तकें) प्रकाशित। अंग्रेजी में लिखी कहानी ‘स्नो एण्ड स्नो’ को बी.बी.सी. ने प्रसारित किया। अनेक कहानियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद। कई सांस्कृतिक-सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी; कई नाटकों का निर्देशन व मंचन; अनेक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के अध्यक्ष और सचिव। पर्वतारोहण की पृष्ठभूमि पर लिखी पुस्तकों पर उ.प्र. सरकार द्वारा दो बार नकद पुरस्कार, एकांकी लेखन पर स्वर्ण पदक, शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत। दिल्ली संस्कृत अकादमी, कालिदास समारोह समिति, उत्तराखण्ड कला मंच, स्वतंत्रता दिवस समारोह समिति, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, ओ. एन. जी. सी., हिमालय पर्यावरण सोसाइटी आदि कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित और अलंकृत।

Read More

देव सिंह पोखरिया

कुमाउँनी लोक साहित्य व संस्कृति पर विश्वविद्यालय स्तरीय पुस्तकों का लेखन। अब तक एक उपन्यास व दो कविता संग्रहों सहित 25 पुस्तकों की रचना की है। 100 से अधिक निबंध व शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। विविध आकाशवाणी केन्द्रों से 100 से अधिक कविताएँ. कहानियाँ अथवा वार्ताएं प्रसारित। हिन्दी काव्य के छन्दशास्त्र में विशेषज्ञता। कई समितियों में विशेषज्ञ व सलाहकार। विगत 28 वर्षों के अध्यापन काल में 15 छात्रों का शोध-निर्देशन किया, 3 शोध परियोजनाएं पूर्ण कीं। 4 पत्रिकाओं का सम्पादन, 4 राष्ट्रीय गोष्ठियों का आयोजन, 3 अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी। उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत।

Read More

मृणाल पाण्डे

प्रयाग, भोपाल और दिल्ली वि.वि. में अध्यापन। वाशिंगटन डी.सी. स्थित कोरकोरन स्कूल से मूर्ति शिल्प, कला और डिजायनिंग में प्रशिक्षण प्राप्त किया। ‘टाइम्स आफ इण्डिया’ प्रकाशन समूह की प्रसिद्ध पत्रिका ‘वामा’ का सम्पादन किया। आजादी के बाद बदले हुए भारतीय परिवेश को इन्होंने अपनी कहानियों, उपन्यासों, और नाटकों में रेखांकित किया। स्टार टी.वी. और दूरदर्शन के लिए कार्य। दैनिक हिन्दुस्तान, नई दिल्ली के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत।

Read More

राकेश चन्द्र नौटियाल

अपनी अपंगता से निराश न होकर विषम परिस्थितियों से जूझते हुए भाई-बहिनों की शिक्षा-दीक्षा व जीवन में व्यवस्थित होने में सहायक रहना। स्वयं का जीवन व्यवस्थित करना। 30 वर्ष के अध्यापन अनुभव के अलावा दो कविता एवं एक कहानी संग्रह का प्रकाशन तथा दो पुस्तकें संपादित कीं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में दर्जनों निबंध एवं शोध पत्र प्रकाशित। ‘नैतिकी’ मासिक पत्रिका तथा उत्तराखण्ड शोध संस्थान की ‘शिक्षा शोध पत्रिका’ का सह संपादन। सीमान्त खबर (साप्ताहिक) का साहित्यिक संपादक। सदस्य, सलाहकार समिति, इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नालॉजी एण्ड मैनेजमेंट, चकराता रोड, देहरादून।

Read More

प्रेम लाल जोशी

अध्यापन, शोध, भाषण, सलाह और समाजसेवा के लिए 76 से अधिक देशों की यात्रा; अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 70 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित; 6 अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं के संपादक मंडल का सदस्य तथा 10 पत्रिकाओं में परीक्षक। इंडियन ऑडिटिंग एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष; एशिया-पैसिफिक नेटवर्किंग ऑफ स्कूल्स ऑफ एकाउंटिंग, आस्ट्रेलिया के संस्थापक सदस्य; ई.ई.ए. यूरोप के प्रबंध मंडल के सदस्य। अनेक अन्तर्राष्ट्रीय पत्रों के रैफरी। भारत में जीरो बेस बजटिंग के पिता के रूप में विख्यात और जीरो बेस बजटिंग और लीजिंग पर चार पुस्तकों की रचना।

Read More

श्रीकृष्ण जोशी

हाईस्कूल से एम.एससी. तक सभी कक्षाओं में प्रथम श्रेणी; एम.एससी. में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान मिलने पर विद्यांत स्वर्ण पदक; इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवक्ता, 1957-65; विजिटिंग लेक्चरर, केलीफोर्निया विश्वविद्यालय, अमेरिका, 1965-67; प्रोफेसर, रुड़की विश्वविद्यालय, 1967-86; निदेशक, राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, नई दिल्ली, 1986-91 महानिदेशक, सी.एस.आई.आर., नई दिल्ली, तथा सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, 1991-95 विक्रम साराभाई प्रोफेसर, जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च, बंगलौर, 1995-97; चेयरमैन, रिक्रूटमेंट एण्ड एसेसमेंट सेंटर, डी.आर.डी.ओ., दिल्ली; इमेरिटस साइंटिस्ट, राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, नई दिल्ली, 2000; फ़ैलो, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (इन्सा), 1974 होनरेरी; सेक्रेटरी, इन्सा (1983-86), विदेश सचिव, इन्सा (1989-92), अध्यक्ष, इन्सा (1993-95); फ़ैलो, भारतीय विज्ञान अकादमी (1974), फौरेन मेम्बर रूसी विज्ञान अकादमी (1974); उपाध्यक्ष, भारतीय विज्ञान अकादमी (1989-91); अध्यक्ष विज्ञान कांग्रेस (1996-97)। अध्यक्ष, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (2001-02)। वातुमल मेमोरियल प्राइज, 1965; शांतिस्वरूप भटनागर अवार्ड, 1972; सी.एस.आई.आर. सिल्वर जुबली अवार्ड, 1973; मेघनाद साहा अवार्ड, 1974; फिक्की अवार्ड, 1990; डा. महेन्द्रनाथ सरकार प्राइज, 1989; गोयल प्राइज, 1993; सीवी रमन मेडल, 1999 (पद्मश्री, 1991) डी.एस.सी. (मानद, कुमाऊँ वि.वि.-1994, कानपुर वि.वि.-1995 व बनारस हिन्दू वि.वि.-1996); पद्म भूषण (2003)। अब तक 20 विद्यार्थियों का शोध निर्देशन किया और 180 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित किए।

Read More