गजेन्द्र सिंह रावत

आज तक संयुक्त परिवार का सदस्य बने रहना। गरीब परिवार का होने के बावजूद एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेज से डिग्री लेना। अपनी लिमिटेड कम्पनी की स्थापना जिसका कारोबार आज 10 करोड़ रुपये से अधिक का है।उत्तरांचल की सामाजिक गतिविधियों में हिस्सेदारी।

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योगेश पाण्डे

1974 में एम.इ. डिग्री लेकर, भारतीय संचार सेवा में नियुक्ति पायी। बहुत जिम्मेदारियाँ थी। सब कुछ निभाते हुए 1983 में संचार मंत्रालय के उप निदेशक पद पर पहुँचा। सी.डॉट. की अहम् जिम्मेदारी निभाते हुए 26 मई 2003 को इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लि., बंगलोर का अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक बना। दूर संचार से जुड़ते हुए कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियाँ शोध उपकरण के उत्पाद तथा पत्र-पत्रिकाओं में लेखन भी किया।

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भगवत सिंह नेगी

स्कूल-कालेज में हमेशा प्रथम स्थान। कठिन परिश्रम और काम के लिए समर्पण की भावना के कारण भारत सरकार की नवरत्न कम्पनी गेल इंडिया लिमिटेड में निदेशक (योजना) के पद तक पहुँचा। अनेक अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठियों, कार्यशालाओं आदि में भारत का प्रतिनिधित्व किया। व्यापक विदेश भ्रमण और सब जगह भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का संदेश पहुँचाया।

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कुलभूषण सिंह नेगी

बी.एससी. व बी.टेक. परीक्षाओं में स्वर्ण पदक विजेता 2. महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडल की कोराडी, चन्द्रपुर ताप विद्युप परियोजनाओं में सफल योगदान 3. भारत पेट्रोलियम संस्थान के कई गैस प्लांट, तेल भंडारण संस्थान, एविएशन फ्यूल सप्लाई इकाइयां, तापीय विद्युत संस्थान की फ्यूल सप्लाई योजनाएं एवं तेल पाइप लाइन्स परियोजनाओं में विशिष्ट उपलब्धियां 4. प्रमुख मैकेनिकल इंजीनियर के बतौर ‘बेस्ट सिटिजन आफ इंडिया अवार्ड’

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धर्म सिंह टोलिया

रामगंगा बांध परियोजना, कालागढ़ में कार्य। सेन्ट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, रुड़की में कार्य।सेन्ट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली में जीओ टेक्नीकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष पद पर कार्य किया और 50 से अधिक शोधपत्र तथा 100 तकनीकी रिपोर्ट प्रकाशित। मै. स्पान कंसल्टैन्ट्स प्रा. लि. के लिए कार्य करते हुए भारत के अनेक प्रांतीय व राष्ट्रीय राजमार्गों को डिजाइन किया।

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महेन्द्र सिंह गुसाई

सेना की इंजीनियरिंग कोर में शामिल। अनेक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न पदों पर काम करते हुए लेफ्टीनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त।भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित। सेना में रहते हुए विशिष्ट सेवा पदक, अतिविशिष्ट सेवा पदक तथा परम विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त किए। सेवा निवृत्ति के बाद उ.प्र. भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के अध्यक्ष के पद पर कार्य किया। उत्तरांचल के भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए।

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