जीवन सिंह खर्कवाल

भारत के विभिन्न हिस्सों में पाषाण युग से लौह युग तक के अनेक पुरातात्विक अवशेषों के उत्खनन अभियानों में शामिल होने का अवसर मिला। 1993 से 2000 के दौरान उदयपुर के निकट बालाथाल गांव में कांस्य युग के अवशेषों के उत्खनन का काम सौंपा गया। अहाड़ संस्कृति का यह गांव अब दक्षिण भारत के हड़प्पा संस्कृति के बाहर का सबसे पुराना गांव माना जाता है। पुरातात्विक अध्ययन पर केन्द्रित दो दर्जन से अधिक गोष्ठियों में अब तक अपने शोध् कार्य प्रस्तुत किये। दो दर्जन से अधिक शोध्पत्र अनेक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। अनेक लोकप्रिय लेख पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित। प्रख्यात पुरातत्वविद् प्रो. डी.पी. अग्रवाल के साथ ‘सेन्ट्रल हिमालयाजः एन आर्किओलॉजिकल, लिंग्विस्टिक एण्ड कल्चरल सिंथेसिस, नामक पुस्तक में सहलेखन।

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