फैड्रिक स्मेटेचैक (जूनियर)

तितलियाँ, पतंगे, बीट्ल्स, बग्स, मकड़ी तथा अन्य जीवों के 12 हजार से अधिक नमूनों का संग्रह। यह एक अद्भुत तथा दुर्लभ हिमालयी संग्रह है। सोसायटी ऑव अपील फॉर वैनिशिंग इनवायरनमेंट नामक स्वैच्छिक संस्था की जुलाई 1975 में स्थापना। इसके द्वारा अनेक क्रिया-कलाप, प्रकाशन तथा एडवोकेसी का काम किया। 1982 में 90 प्रतिशत मत प्राप्त कर ग्राम प्रधान बने। नैनीताल जिले में सर्वश्रेष्ठ ग्राम सभा का इनाम पंचायती राज अधिकारी के द्वारा दिया गया। पिरूल से कोयला बनाने का प्रयोग सफल रहा। 1969-71 में चोरगल्या, सेनापानी क्षेत्र में पागल (खूनी) हाथियों को नियंत्रित किया। हिमालय में खूब घूमे हैं और हर तरह की वनस्पतियों तथा पेड़ों पर उन्होंने कार्य किया है। उनका उक्त संग्रह इसी पारिस्थितिक समझ का परिणाम है।

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