चिपको जैसे सामाजिक तथा पर्यावरण आन्दोलन के कार्यकर्ता, दूधातोली लोक विकास संस्थान, बिनसर मंदिर समिति, चन्द्र सिंह गढ़वाली स्मारक निर्माण समिति के संस्थापक- संयोजक। कीनिया की संस्था इन्वायरनमेन्टल लियाजो सेन्टर द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सेवक’ पुरस्कार। उफरैखाल क्षेत्र में वन एवं जल संरक्षण का अनूठा प्रयोग जिसने एक सूखी जलधारा के प्राण लौटा दिए। ‘जल तलाई’ नाम से चर्चित यह अभियान वर्षा जल संग्रहण के द्वारा उफरैखाल और आस पास के गांवों के जलस्रोतों का पुनर्संभरण कर सका है। वन एवं जल संरक्षण के बाद ‘ग्राम देवता’ अभियान के तहत श्रमदान द्वारा गांवों में सामूहिकता का चेतना वापस लौटाने का प्रयास।1981 में ‘बदरीकाश्रम’ नामक पुस्तक का प्रकाशन।
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