यशवन्त सिंह कठोच

प्रारम्भ में हिन्दी में अनेक कविताएँ, लघु कथाएँ एवं निबन्ध लिखे। इसके बाद 1965 से भारतीय संस्कृति एवं पुरातत्त्व पर कार्य किया। पफलस्वरूप अनेक शोधपत्र व पांच पुस्तकें प्रकाशित हुईं। ‘मध्य हिमालय का पुरातत्त्व (1981), ‘मध्य हिमालय खण्ड-1 (1996) तथा ‘मध्य हिमालय खण्ड-2 (2002) पुरातत्त्व के क्षेत्र में चर्चित पुस्तकें हैं। अनेक शोधलेख प्रकाशित। संस्कृति एवं पुरातत्त्व के क्षेत्र में मौलिक योगदान के लिए 1995 तथा 2002 में सम्मानित।

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बी. एम. खण्डूड़ी

60 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किये। मध्य हिमालय और उत्तराखण्ड के इतिहास व पुरातत्व विषयों पर शोध। उत्तराखण्ड में कुछ महत्वपूर्ण पुरातात्विक खुदाइयों का प्रो. कांति प्रसाद नौटियाल के साथ नेतृत्व किया। युवाओं के नाम संदेशः दूर की सोचें और उत्कृष्टता से उसे हासिल करने के लिए प्रयत्नशील रहें।

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