रवीन्द्र सिंह बिष्ट

गुजरात में एक विशिष्ट हड़प्पाकालीन नगर के अवशेषों की खुदाई। हरियाणा में भी एक हड़प्पा-कालीन तथा पूर्ववर्ती व परवर्ती संस्कृतियों की खोज। 3. बिहार में प्राचीन प्रसिद्ध नालन्दा वि.वि. में उत्खनन द्वारा पूर्णवर्मा निर्मित मंदिर में प्राचीन भित्ति चित्रों का अनावरण।

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योगेश पाण्डे

1974 में एम.इ. डिग्री लेकर, भारतीय संचार सेवा में नियुक्ति पायी। बहुत जिम्मेदारियाँ थी। सब कुछ निभाते हुए 1983 में संचार मंत्रालय के उप निदेशक पद पर पहुँचा। सी.डॉट. की अहम् जिम्मेदारी निभाते हुए 26 मई 2003 को इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लि., बंगलोर का अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक बना। दूर संचार से जुड़ते हुए कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियाँ शोध उपकरण के उत्पाद तथा पत्र-पत्रिकाओं में लेखन भी किया।

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इन्द्र मोहन पाण्डेय

प्रोफेसर- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद। (1984से) इसके आलवा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट, पुणे (1984),जेवियर्स लेबर रिलेसंस इंस्टीट्यूट, जमशेदपुर (1978-80), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, दिल्ली तथा श्रीराम कालेज ऑफ कामर्स, दिल्ली में अध्यापन। मलेशिया, थाईलैण्ड, वियतनाम, श्रीलंका, फ्रांस, इंगलैण्ड और अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन। दस पुस्तकें, छः शोध लेख और 100 शोध पत्र प्रकाशित। कंपनी और वित्त से जुड़े विभिन्न विषयों में भारत, इंगलैण्ड, फ्रांस, थाईलैण्ड, वियतनाम, बंग्लादेश, श्रीलंका, कनाडा और मलेशिया के सरकारी और गैर सरकारी अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन। भारत में विश्व बैंक, एशियन विकास बैंक आदि के विभिन्न विषयों के सलाहकार। अति विशिष्टता पुरस्कार- अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट, अमेरिका। बेस्ट केस राइटर ऑफ द इयर, 1996- फस्र्ट एशियन कांफ्रेंस ऑन मैनेजमेंट, एजुकेशन एंड केस रिसर्च, यू.के.एम., मलेशिया। टीचर ऑफ द इयर, 1996- एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, थाइलैण्ड।

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रमेश पहाड़ी

फरवरी 72 से अक्टूबर 74 तक ‘देवभूमि’ साप्ताहिक का सह संपादक तथा प्रबन्धक। नवम्बर 74 से ‘उत्तराखण्ड आब्जर्वर’ में प्रबन्धक और फिर सह संपादक। ‘अनिकेत’ का सम्पादन तथा प्रकाशन। इसे सितम्बर 2003 में 25 साल पूरे हो रहे हैं। ‘चिपको आन्दोलन’ में सक्रिय हिस्सेदारी। डुंगरी-पैंतोली पहुँचने वाले पहले चिपको कार्यकर्ता और पत्रकार। दशौली ग्राम स्वराज्य मण्डल के लोक सूचना केन्द्र के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण और अध्ययन। 1988 में स्थापित उमेश डोभाल पत्रकार संघर्ष समिति के संयोजक। 1986-87 में जल निगम की विश्व बैंक परियोजनाओं पर सवाल किया क्योंकि करोड़ों रुपये खर्च करके भी पानी नहीं आया था। इसी तरह अन्य मुद्दे उठाकर स्थानीय पत्रकारिता को नया अर्थ दिया। उत्तराखण्ड संघर्ष वाहिनी के संस्थापक सदस्य। ‘अनिकेत’ को संघर्ष वाहिनी का मुखपत्र बनाया था।

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मुक्तेश पंत

बहुराष्ट्रीय कंपनी हिन्दुस्तान लीवर और पेप्सी में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य। वर्तमान में रीबॉक इंटरनेशनल में चीफ मार्केटिंग आफिसर, बोस्टन, अमेरिका

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भगवत सिंह नेगी

स्कूल-कालेज में हमेशा प्रथम स्थान। कठिन परिश्रम और काम के लिए समर्पण की भावना के कारण भारत सरकार की नवरत्न कम्पनी गेल इंडिया लिमिटेड में निदेशक (योजना) के पद तक पहुँचा। अनेक अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठियों, कार्यशालाओं आदि में भारत का प्रतिनिधित्व किया। व्यापक विदेश भ्रमण और सब जगह भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का संदेश पहुँचाया।

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गजेन्द्र चन्द्र ठाकुर

आयकर विभाग को इसलिए छोड़ा था ताकि ज्यादा साफ-सुथरा कैरियर अपना सकूँ। बदले पेशे में काम करने का जोखिम भी लिया। मैसर्स बजाज इलैक्ट्रिकल्स में ब्रांच मैनेजर से कार्य प्रारम्भ कर मानव संसाधन तथा प्रशासन विभाग के प्रमुख के पद तक पहुँचा। वर्तमान में बजाज ग्रुप की एक कम्पनी के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत।

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