वरुण बडोला

5 साल तक तिग्मांशु धूलिया के साथ सहायक निर्देशक रहा। मैंने अपनी पहली परियोजना ‘नया दौर’ उन्हीं के साथ की। बाद में मैंने उनके साथ संवाद भी लिखे। मेरी पहला फिल्म अभिनय ‘बनेगी अपनी बात’ था। लेकिन जिस धारावाहिक से मुझे पहचान मिली वह था ‘कोशिश एक आशा’। बाद में हास्य धारावाहिक ‘ये है मुम्बई मेरी जान’ तथा ‘देश में निकला होगा चांद’ में भूमिका की। वर्तमान में ‘अस्तित्व एक प्रेम कहानी’ में काम कर रहा हूँ। साथ ही इस धारावाहिक में संवाद भी लिख रहा हूँ। मैंने दो फिल्में तिग्मांशु भाई के साथ की हैं- ‘हासिल’ तथा ‘चरस’।

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