मालती सिंह

स्थानीय संगठन खड़े किए जो अपने क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं. गाँव-गाँव में बच्चों (खास कर बालिकाओं) को औपचारिक शिक्षा से जोड़ा तथा लोगों को शिक्षा के मौलिक अधिकार के लिए सक्रिय रूप से आगे आने के लिए प्रेरित किया, महिलाओं को संगठित कर अपने अधिकारों/हक हकूकों के लिए जागरूक किया। उत्तराखण्ड स्तर पर एक नेटवर्क स्थापित किया- सरोकार, जो लोगों की जमीनी लड़ाई को राज्य स्तर, राष्ट्र स्तर तक ले जाता है।

Read More

ललित पाण्डे

उत्तराखण्ड सेवानिधि तथा इसके पर्यावरण शिक्षा संस्थान के माध्यम से उत्तराखण्ड में शिक्षा, पर्यावरण, महिला सशक्तीकरण एवं आंचलिक विकास के विभिन्न पक्षों पर कार्य। ग्रामीण स्वास्थ्य तथा संसाधनों का विश्लेषण भी करने का प्रयास किया। अनेक संस्थाओं को सेवानिधि के माध्यम से आर्थिक तथा तकनीकी सहयोग देने में सतत् सक्रिय। उत्तराखण्ड के पहले आधुनिक एटलस को प्रकाशित करने के साथ अनेक पुस्तकों का प्रकाशन। सम्प्रति- उत्तराखण्ड सेवा निधि पर्यावरण शिक्षा संस्थान अल्मोड़ा के निदेशक।

Read More

बौणी देवी

पिछले 20 वर्षों से महिला मंगल दल की अध्यक्षा पद पर कार्य किया। सलना मंगलदल में अपना एक कोष तैयार किया और सामूहिक जरूरतों का सामान खरीदा। उर्गम हाईस्कूल के लिए दल ने आन्दोलन किया। स्व. गौरा देवी व श्री चण्डीप्रसाद भट्ट के नेतृत्व में चिपको आन्दोलन में हिस्सा लिया। उत्तराखण्ड सेवानिधि व जाखेश्वर शिक्षण संस्थान के साथ मिलकर पिछले 8 वर्षों से पर्यावरण शिक्षा व बालवाड़ी आन्दोलन में हिस्सा। पैनखण्डा महिला विकास संस्थान तथा जय नन्दा देवी स्वरोजगार शिक्षण संस्थान, भर्की की अध्यक्षा। 1987 इंदिरा गाँधी वृक्ष मित्र से सम्मानित। 2001 में जिला प्रशासन की ओर से चिपको नेत्री सम्मान। भारत सेवा समिति श्रीनगर की ओर से पर्यावरण पुरस्कार।

Read More