झूसिया दमाई

वीरगाथा गायक, तुरैण के विशेषज्ञ, रणसैनी के दमाऊं वादक, चंद वंशावलियों के जानकार। दो देशों के गायक/लोक गाथाकार. हरसाल रणसैनी के दीपावली अमावास्या के मेले में जाना होता है। मेले के दिन त्रिपुरा सुन्दरी में सप्तमी को वीरगाथा गायन। ‘पहाड़’ द्वारा सम्मानित होने के बाद लखनऊ, दिल्ली, भोपाल में कार्यक्रम। श्री गिरीश तिवाड़ी ‘गिर्दा’ तथा साथियों द्वारा उन पर काम किया गया है।

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