एस.वी. थपलियाल

एन.डी.ए. की परीक्षा में उ.प्र. में पहला तथा अखिल भारतीय स्तर पर छठा स्थान। पहला गढ़वाली डबल बैरल सेनाधिकारी। किसी इन्फैन्ट्री ब्रिगेड का नेतृत्व करने हेतु जनरल कैडर पर पहुँचने वाला पहला गढ़वाली सेनाधिकारी। वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के सैन्य सहायक के पद पर पहुँचा पहला गढ़वाली सैन्य अधिकारी। सैन्य आपरेशन के महानिदेशक पद पर पहुँचा पहला गढ़वाली सैन्यअधिकारी। सुविख्यात 3 इन्फैन्ट्री डिविजन में मेजर जरनल और भारतीय सेना में उस समय सबसे कम आयु का डिविजनल कमांडर। फ़ैलो, पूना विश्वविद्यालय। सदस्य, आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन। पत्नी रेखा 1971 के एवरेस्ट अभियान में शहीद मेजर एच.वी. बहुगुणा की विधवा थीं।

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बच्ची राम ढौंडियाल

सिंगापुर और मलेशिया में अंग्रेजी फौजों के खिलाफ मोर्चा लिया। मेरी सेवाओं को देखते हुए मुझे स्वतंत्रता संग्रामी का दर्जा दिया गया। अपने बच्चों को मैंने अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास किया।

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भावना गुरुरानी

1994 में सेना में प्रवेश किया।ऑफीसर्स ट्रेनिंग एकेडेमी, चेन्नई से प्रशिक्षण प्राप्त कर सेना शिक्षा कोर (ए.ई.सी.) में कमीशन प्राप्त कर इंडियन मिलेट्री एकेडेमी, देहरादून, ई.एम.ई. केन्द्र बैरागढ़, भोपाल में नियुक्त रहीं।

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महेन्द्र सिंह गुसाई

सेना की इंजीनियरिंग कोर में शामिल। अनेक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न पदों पर काम करते हुए लेफ्टीनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त।भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित। सेना में रहते हुए विशिष्ट सेवा पदक, अतिविशिष्ट सेवा पदक तथा परम विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त किए। सेवा निवृत्ति के बाद उ.प्र. भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के अध्यक्ष के पद पर कार्य किया। उत्तरांचल के भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए।

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