श्रीमती नसरीन फ़ातिमा काज़मी

देहरादून के शिया समुदाय और अपने परिवार की पहली महिला जिसने कौन्वेंट और पेशेवर शिक्षा प्राप्त की। होमियोपैथी चिकित्सापद्धति से फाइब्रॉइड यूटेरस का इलाज करने वाली पहली चिकित्सक। इस प्रयोग पर लिखा गया शोधपत्र होमियोपैथी की अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी में पढ़ा गया जिसे बाद में अनेक चिकित्सकों ने दोहराया। अविभाजित उ.प्र. में सबसे कम उम्र में डिस्ट्रिक्ट होमियोपैथिक मेडिकल आफीसर बनने वाली चिकित्सक तथा पहली महिला डीएचएमओ, संभल में पर्दे से बाहर निकलने वाली पहली महिला।

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