रंग-रंगिलि बहार ऐगे होरी की

बसंत का मौसम उल्लास, प्रेम, नवजीवन का प्रतीक है। बसंत के मौसम में पृकृति अपने पूरे यौवन पर होती। इस मौसम में उत्तराखंड की धरती भी दुल्हन की तरह सज जाती है। इसी लिये नरेन्द्र सिंह नेगी जी कहते हैं “मेरा डांडी काण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त रितु मा जैयि” । इसी मौसम में होली का त्यौहार भी मनाया जाता है। पूरे देश में मनाई जाने वाली होली के बीच उत्तराखण्ड की होली के रंग अलग ही हैं। यहाँ होली मात्र रंगो का त्यौहार ना होकर संगीत व सामूहिक अभिव्यक्ति…

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