[हमारे साथ नये जुड़े श्री उमेश तिवारी ‘विश्वास की दाज्यू कथा का पहला भाग आपने पढ़ा। अब प्रस्तुत है दूसरा भाग। – प्रबंधक ] आपको लग रहा होगा कि हर छोटा भाई कभी न कभी दाज्यू बनता ही होगा। पर ये ‘सास भी कभी बहू थी’ वाला फार्मूला यहां फिट नहीं बैठता। हर एक भइयू, भुली या कुतानू; दाज्यू नहीं बनता। निरे प्रतिभाशाली ही, दाज्यू के रूप में स्थापित होते गये हैं। उनकी एक पृष्ठभूमि होती है। समाजशास्त्री इसे ‘वैल्यू ओरिएंटेशन इन ए सोसियल सिस्टम’ बताते हैं। जैसे पूत के…
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अथ दाज्यू गाथा : प्रेम में पागल दाज्यू
[आज से हमारे साथ जुड़ रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार श्री उमेश तिवारी ‘विश्वास’। आइए उनकी रचना ‘अथ दाज्यू कथा’ का आनन्द लें। आशा है आपको पसंद आयेगी।- प्रबंधक] दाज्यू बोले तो, भाई जी या बड़ा भाई। बचपन में मुंशी प्रेमचन्द्र की कहानी बड़े भाई साहब पढ़ी थी। उनके दाज्यू को बाद में कई हिन्दी फिल्मों में देखता रहा। जैमिनी से ए.व्ही.एम. के बैनरों में, बलराज साहनी से अभिताभ बच्चन के किरदारों में उनकी छवि मिलती रही। अलबत्ता फिल्मी दाज्यू फेल होने के बजाय फर्स्ट क्लास फर्स्ट आते रहे और छोटे…
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