नैनीताल और हिन्दी फिलमवाले

[ पिछले अंक में आपने नैनीताल के आसपास फैले प्राकृतिक दृश्यों का आनन्द लिया। डोटियाल यानि नैपाली मजदूरों के बारे में भी पढ़ा। आइये आज नैनीताल के कुछ और दृश्यों का आनन्द लेते हैं। ] यों शाम को मालरोड गुलजार हो जाती थी। लोग तल्लीताल-मल्लीताल की सैर पर निकल पड़ते। जगह-जगह आते-जाते परिचित दूर से ही हाथ सिर की सीध में उठा कर ‘नमस्कार’ की मुद्रा में जोड़ कर इशारे से ही दोनों हथेलियां हिला कर बिना बोले पूछ लेते और दाज्यू, सब ठीक ठाक?’ और, आगे बढ़ जाते। तल्लीताल,…

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