तुम भी सूणां मिन सुणियाली, गढ़वाल ना कुमौं जालि

असली लोककलाकार वही है जो जनता की भावना को अपनी कला के माध्यम से प्रसारित करे। सच्चे कलाकार का यह दायित्व नरेन्द्र सिंह नेगी जी सदैव निभाते रहे हैं। पहाड़ की जनता के दुखदर्द और उनकी अपेक्षाओं को अपने गीतों के माध्यम से समाज के बीच रखने का उन्होने हमेशा प्रयास किया है। नेगी जी ने उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, चिपको आन्दोलन तथा शराब विरोधी आन्दोलन से सम्बन्धित न केवल गीत गाये बल्कि यथासम्भव इन आन्दोलनों में भागीदारी भी की। उत्तराखण्ड राज्य बनने से पहले ही लोगों ने राजधानी के लिये…

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