कैसा हो स्कूल हमारा: गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’

कैसा हो स्कूल हमारा जहां न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा जहां न पटरी माथा फोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा जहां न अक्षर कान उखाड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा जहां न भाषा जख़्म उघाड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा कैसा हो स्कूल हमारा जहां अंक सच-सच बतलाएं, ऐसा हो स्कूल हमारा जहां प्रश्न हल तक पहुंचाएं, ऐसा हो स्कूल हमारा जहां न हो झूठ का दिखव्वा, ऐसा हो स्कूल हमारा जहां न सूट-बूट का हव्वा, ऐसा हो स्कूल हमारा कैसा हो स्कूल हमारा जहां किताबें निर्भय बोलें, ऐसा हो…

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