हौंसिया उमर च मेरि कुछ ना बोल मैंकूं

युवावस्था एक ऐसा बहता दरिया है जो अपनी ताकत के सामने किसी को कुछ नहीं समझता। युवा अपने यौवन को अपनी तरह से अपनी शर्तों पर जीना पसंद करता है। इस मामले में उसे किसी की रोक-टोक भी पसंद नहीं। ऊँचे सपने लिये, संसार-समाज को बदलने का जोश लिये, बिना किसी चीज की परवाह किये बिना जिये जाने का नाम ही जवानी है। नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने भी अपने एक गाने में युवाओं के इस जज़्बे को अपने स्वर दिये हैं। नरेन्द्र सिंह नेगी जी के गानों में यह…

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