मालुरा हरियालु डांना का पार

गोपाल बाबू गोस्वामी का गाया एक सुरीला व प्रचलित गीत है “मालुरा हरियालु डांना का पार” । आज इसी गीत की चर्चा करते हैं। यह गाना भी कई रूपों में मिलता है. यहाँ पर जो गाना प्रस्तुत किया जा रहा है उसमें कुल छ्ह अंतरे हैं जिसमें दो अंतरे दो बार गाये गये हैं यानि देखा जाये तो केवल चार ही अलग अंतरे हैं। भावार्थ : एक प्रेमी अपनी प्रेमिका से ऊंची ऊंची व हरी भरी चोटियों के पार जाने की जिद कर रहा है। प्रेमिका को वह प्यार से…

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काली गंगा को कालो पाणी

पिथौरागढ़ जिले में एक नदी बहती है जिसे काली गंगा भी कहा जाता है। इस नदी को शारदा नदी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता कि देवी काली के नाम से इसका नाम काली गंगा पड़ा। काली नदी का उद्गम स्थान वृहद्तर हिमालय में ३,६०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित कालापानी नामक स्थान पर है, जो भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में है। इस नदी का नाम काली माता के नाम पर पड़ा जिनका मंदिर कालापानी में लिपु-लेख दर्रे के निकट भारत और तिब्बत की…

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ठुमका लगाली बाबा, ठुमका लगाली

गोपाल बाबू गोस्वामी ने एक गाना गाया था जो उन्होने एक बेटी के स्कूल जाने को तैयार करने के लिये गाया था। आज प्रस्तुत है वही गाना। भावार्थ : मेरी बेटी ठुमका लगा लगा के नाचेगी और स्कूल जायेगी। वह स्कूल में “अ आ ई ई…….अ:” पढ़ेगी। “a b c d —z”  पढ़ेगी। अ माने अमरुद, आ माने आम, इ माने इमली, उ माने उखल पढ़ेगी। a for apple, b for bat , c for cat, d for dog पढ़ेगी। बड़े होकर डॉक्टर या इंजीनियर बनेगी। मेरी  बेटी ठुमका लगा…

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रंगीली चंगीली पुतई जसी

यदि आपको अपनी श्रीमती जी को सुबह सुबह जगाना हो तो आप क्या करेंगे? यदि आपको कुछ ना सूझ रहा हो तो एक तरीका है कि आप कोई गाना गाएं और ऐसा गाना गोपाल बाबू गोस्वामी का रंगीली चंगीली पुतई जसी से बेहतर क्या हो सकता है। इसमें एक व्यक्ति सुबह सुबह अपनी सोई हुई पत्नी को जगा रहा है। वह इतनी खूबसूरत उपमाओं से अपनी पत्नी को संबोधित कर रहा है और उसकी मिन्नतें कर रहा है कि श्रीमती जी भी मन ही मन मुस्कुरा रही होंगी। गीत का…

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जै मैय्या दुर्गा भवानी, जै मैय्या..

लोकगीतों के साथा साथ गोपाल बाबू गोस्वामी ने कई भजन भी गाये हैं। उनका एक बहुत ही लोकप्रिय भजन है “जै मैय्या दुर्गा भवानी,जै मय्या”.आज उसी भजन से आपका परिचय कराते हैं। इसमें उत्तराखंड में स्थित देवी के बहुत से मंदिरों का भी जिक्र हुआ है। गोपाल बाबू के इसी तरह के गीतों को सुनकर ही शायद किसी ने उन्होनें “उत्तराखंड का चंचल” (चंचल देवी के भजन गाने वाले प्रसिद्ध गायक हैं) कहा होगा। गीत का भावार्थ : माँ तू ही दुर्गा है, तू ही काली है। तेरी महिमा निराली…

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घुघुति ना बासा,आमै की डाई मा

"घुघुती ना बासा" गोपाल बाबू गोस्वामी का एक दर्द भरा विरह गीत है, ठीक कैले बाजे मुरूली की तरह। इस गीत में भी उत्तराखंड की एक विरहणी युवती की विरह का वर्णन है। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मनीऑर्डर व्यवस्था भी कहा जाता है क्योकिं यहां की स्त्रियां परदेश गये हुए घर के पुरुषों द्वारा भेजे गये मनीऑर्डर की बाट जोहती रहती हैं। ऐसे में उनकी भावनायें कहीं तब जाती हैं। घर के आसपास एक पक्षी घुघुती को आम के पेड़ पर बोलता देख वह और उदास हो जाती है और…

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