ब्वाँश, बाघ, मूना और “पैजाम उतार पैजाम”….

दात लेकर मैं ऊपर की ओर दौड़ा। तभी मैंने बाघ को चमकती बिजली की तेजी से नीचे को छलांग लगाते देखा। मैं बकरी के पास पहुंच गया। उसने मुझे देखा तो डर के मारे गला फाड़ कर मिमियाते हुए नीचे की ओर दौड़ लगा दी। वह बकरी नहीं ‘मूना’ (बकरा) था। काले-सफेद रंग का मजबूत और भारी डीलडौल वाला मूना। लंबी दाढ़ी। बाघ ने अपने लिए बकरियों की भीड़ में से सबसे मोटा-ताजा मूना चुना था। …..

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