नैनीताल समाचार : अखवार ही नहीं आन्दोलन भी

आज का जमाना समाचारों व जानकारियों के विस्फोट का जमाना है। आज हमारे पास, कहने को, समाचार व जानकारी प्राप्त करने के अनेक साधन उपलब्ध है। अब पहले की तरह नहीं है जब आप को दिन में दो तीन बार प्रसारित होने वाले सरकारी समाचारों पर निर्भर रहना पड़ता था या फिर निष्पक्ष समाचारों के बी.बी.सी. रेडियो की प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। आज हमारे पास 24 घंटे चलने वाले वाले समाचार चैनल हैं, थोड़ी थोड़ी देर में आने वाले तोड़ू समाचार (ब्रेकिंग न्यूज) हैं। इन सब के बावजूद भी यदि…

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हमर उ नैनीताल

पानी से डबाडब भरा विशाल ताल और चारों ओर हरे भरे जंगलों से घिरा शहर नैनीताल। बांज, रयांज, देवदारू और सुरई के पेड़ पहाड़ों में गहरा हरा रंग भरते थे। चीना पीक, स्नो व्यू, लड़ियाकांटा, टिफिन टॉप से रुई के फाहों से बादल निकलते तो लगता नैनीताल का प्राकृतिक दृश्य-चित्र जैसे जीवंत हो उठा है। सुबह-शाम चिड़ियों का कलरव सुनाई देता था। कितना हराभरा था हमारा शहर नैनीताल! हमारे इसी शहर के निवासी जिम कार्बेट ने 1932 में अपनी पुस्तक ‘माइ इंडिया’ की भूमिका में लिखा था कि हमारे शहर…

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