विनय मार डबराल (Vinay Mar Dabral)
(माताः श्रीमती विश्वेश्वरी देवी, पिताः स्व. शिवप्रसाद डबराल ‘चारण’)
जन्मतिथि : 15 अगस्त 1952
जन्म स्थान : दुगड्डा, पौड़ी
पैतृक गाँव : गहली (डबरालस्यूं) जिला : गढ़वाल
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र
शिक्षा : पीएच.डी.
प्राथमिक शिक्षा- नगरपालिका आधरिक विद्यालय, दुगड्डा
इंटर- डी.ए.वी. इंटर कालेज, दुगड्डा
बी.ए., एम.ए. (हिन्दी)- डी.ए.वी. कालेज, देहरादून
पीएच.डी.- गढ़वाल विश्वविद्यालय
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः सन 1986 में मैंने एक शोधछात्र का सिनॉप्सिस बनाया। इसे पढ़ कर वह छात्र तत्काल बोल उठा, आपको उत्तरांचल का बहुत ज्ञान है, यदि आप कहानी/उपन्यास लिखें तो मैं आपका मूल्यांकन करूंगा। तब से कहानी लेखन की शुरुआत हुई।
प्रमुख उपलब्धियां : अब तक एक हजार से अधिक कहानियां तथा 13 उपन्यास लिखे हैं। संग्रह के रूप में 11 कहानी संग्रह, 2 उपन्यास व 3 आलोचनात्मक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
युवाओं के नाम संदेशः प्रत्येक मनुष्य के पास कोई न कोई प्रतिभा अवश्य होती है। हमें अपनी प्रतिभा को दबाना नहीं चाहिए, बल्कि उसे देशहित में लगाना चाहिए। फल तो स्वयं मिलता है। उसे मांगने की आवश्यकता नहीं।
विशेषज्ञता : साहित्य, इतिहास, गद्य लेखन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।