युगवाणी – हिमालयी सरोकारों की प्रतिनिधि पत्रिका

“Yugwani” -The Premier Hindi magazine of Uttarakhand (Click to read in English)

 octoberहिमालयी सरोकारों की प्रतिनिधि पत्रिका “युगवाणी" सन 1947 में प्रारम्भ की गयी थी. इस पत्रिका को प्रारम्भ करने का श्रेय प्रोफेसर भगवत प्रसाद पंथरी, आचार्य गोपेश्वर कोठियाल और तेज राम भट्ट को जाता है. वर्तमान में श्री संजय कोठियाल इसके सम्पादक हैं. उत्तराखंड से जुड़े मुद्दों को लेकर इस पत्रिका की ऐतिहासिक भूमिका रही है.टेहरी राजपरिवार के विरुद्ध जनाक्रोश का मामला हो या चिपको आन्दोलन से जुड़े मुद्दे – इन सभी में इस पत्रिका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.

पत्रिका के संपादक संजय कोठियाल जी का कहना है.

नये राज्य उत्तराखंड के बनने के बाद हमने इस मासिक हिन्दी पत्रिका को नये कलेवर में प्रकाशित करने का निश्चय किया.उत्तराखंड से जुड़े कई जाने माने लेखक और बुद्धिजीवी इस पत्रिका से जुड़े रहे हैं. नये राज्य के बनने के बाबजूद भी कई मुद्दे ऐसे रहे हैं जिनके लिये प्रशासन और सरकार को समय समय पर चेताने की आवश्यकता रहती है.आम उत्तराखंडी के जीवन से जुडे ऐसे कई मुद्दे यह पत्रिका उठाती रही है. हम चाहते हैं कि आप भी इस आन्दोलन का हिस्सा बनें. आप "युगवाणी" को पढ़ें और अन्य लोगों को इसके बारे में बतायें.

पत्रिका की दरें.

अवधि भारत में (रुपये में) अंतर्राष्टीय  (डॉलर में )
1 वर्ष 130 $32
3 वर्ष 360 $95
5 वर्ष 600 $155

संपर्क का पता:

संजय कोठियाल
संपादक -युगवाणी
14-B, क्रॉस रोड
देहरादून -248001
उत्तराखंड , भारत
दूरभाष: 0135-2655860
फैक्स: 0135-2650944
ई-पता: yugwani@rediffmail.com

 

प्रतिदावा: इस वेब साइट में प्रकाशित अधिकतर सामग्री कई श्रोतों से ली गयी है. जिसमें हमारी टीम द्वारा की गयी शोध, किताबें, ऑनलाइन इंसाईक्लोपीडिया,वेबसाइट आदि शामिल हैं. हालांकि प्रकाशन से पूर्व हम प्रयास करते हैं कि हम सामग्री की सत्यता प्रमाणित कर लें फिर भी इस साइट पर प्रकाशित सभी जानकारियों का शत-प्रतिशत सही होना अनिवार्य नहीं है. मेरा पहाड़ की टीम किसी भी जानकारी के गलत होने के लिये उत्तरादायी नहीं होगी.

3 Thoughts to “युगवाणी – हिमालयी सरोकारों की प्रतिनिधि पत्रिका”

  1. Prem Arora

    युगवाणी, पर्वत जन, उत्तराखंड की पर्मुख पत्रिकायां हैं पर डेल्ही से चारू तिवारी द्वारा निकली जा रही जनपक्ष आजकल, और चंडीगढ़ से कुलदीप धस्माना की उत्तराखंड लाइव भी उत्तराखंड के मुद्दों को पर्मुखता से उठा रहे हैं….मैंने जो महसूस किया है की जो उत्तराखंड के पत्रिकाएं हैं उनके व्रिटर हर जगह हैं…पर जो परवासी उत्तराखंडी पत्रिकाएं निकाल रहें हैं वोह अपनी टीम के साथ यहाँ आते हैं तो…आंकड़े ज्यादा सटीक होते हैं और रिपोर्ट ज्यादा सटीक होती है….सन्डे पोस्ट नॉएडा से जो निकलता है अपूर्व जोशी का वोह बंद हो चूका होगा या होने वाला होगा…क्यों की जो सरकार की चमचागिरी नहीं करता वोह बेकार पनप ही नहीं पाता…नैनीताल समाचार भी जिस संकट से जूझ रहा है…मुझे काफी हद तक महसूस होता है…पर उत्तराखंड के पोर्टल, ब्लॉग और फेसबुक पर बने ग्रुप काफी कुछ कर रहें हैं….मेरा मानना है की हमें इन पत्रिकों और समाचार पत्रों को जिन्दा रखना होगा …क्यों पहाड़ में हर गाँव में और हर घर में इन्टरनेट नहीं है….और बड़े अख़बारों से वोह संतुष्ट नहीं है….प्रेम अरोड़ा काशीपुर 9045746509

  2. Suraj pal "Mani"

    Waqt ke sath yugwani apni rah me sunar yadon ke sath agrsar hai…. badhaii… par ek pahadi hone ke nate bahut dukh hota hai ki pahari bhasa ke tamam patr patrikaye apne aslii mukam ke liye taras rahe hai… jabki wohi log dusri magazins ya papers me kafi aage badh jate hai jo garhwali ya kumauni magazins ya akhbaro me mehman lekh likhte hai… hamare pahar me kuch log aaj bhi aise hai jo agar chahe to amar ujala, danik jagran ki tarh garhwali akhbaar bhi nikal sakta hai, achi pathak sankhya ke sath… par a log kab chahenge??????? ummed tohai…. ki chahenge… garhwali kumaoni bhasa ke liye bhi kuch karan………

  3. Bipin Bhadula

    Main Chandigarh me rahtaa hun. Aur chaahtaa hun Uttrakhand ki patrika ghar baithe mile

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