मोहन चन्द तिवारी

अब तक प्राच्य विद्या, इतिहास तथा संस्कृति से सम्बंधित छः पुस्तकें तथा सौ से भी अधिक शोधलेखों का राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन। दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा ‘संस्कृत शिक्षक’ पुरस्कार। ‘विद्या रत्न सम्मान’। ‘आचार्य रत्न देशभूषण सम्मान’। राष्ट्रपति सम्मान। सामाजिक संस्था बाल सहयोग’ की प्रबंध समिति का सदस्य। दिल्ली संस्कृत अकादमी की कार्यकारिणी का सदस्य।

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विनोद कुमार तिवारी

अन्धता निवारण कार्यक्रम में 80,000 (अस्सी हजार) ऑपरेशन करना। 2000 (दो हजार) नेत्र प्रत्यारोपण। निरन्तर दूरस्थ दुर्गम इलाकों में नेत्र शिविर, परीक्षण, ऑपरेशन करना। 119 साल की उम्र के स्वामी कल्याण देवजी का सफल ऑपरेशन भी एक महत्वपूर्ण घटना है।

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उमा प्रसाद थपलियाल

हिन्दी में उच्च कोटि के मूल लेखन के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा दो बार प्रथम पुरस्कार से सम्मानित। हिन्दी में लिखे शोध ग्रन्थों के लिए दो बार इंदिरा गाँधी राजभाषा पुरस्कार से सम्मानित; दिल्ली प्रशासन द्वारा पुस्तक ‘भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का इतिहास’ के लिए राज्य पुरस्कार द्वारा सम्मानित; विदेश मंत्रालय के आमंत्रण पर नेहरू सेंटर, लंदन में व्याख्यान। आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में व्याख्यान।

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एस.वी. थपलियाल

एन.डी.ए. की परीक्षा में उ.प्र. में पहला तथा अखिल भारतीय स्तर पर छठा स्थान। पहला गढ़वाली डबल बैरल सेनाधिकारी। किसी इन्फैन्ट्री ब्रिगेड का नेतृत्व करने हेतु जनरल कैडर पर पहुँचने वाला पहला गढ़वाली सेनाधिकारी। वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के सैन्य सहायक के पद पर पहुँचा पहला गढ़वाली सैन्य अधिकारी। सैन्य आपरेशन के महानिदेशक पद पर पहुँचा पहला गढ़वाली सैन्यअधिकारी। सुविख्यात 3 इन्फैन्ट्री डिविजन में मेजर जरनल और भारतीय सेना में उस समय सबसे कम आयु का डिविजनल कमांडर। फ़ैलो, पूना विश्वविद्यालय। सदस्य, आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन। पत्नी रेखा 1971 के एवरेस्ट अभियान में शहीद मेजर एच.वी. बहुगुणा की विधवा थीं।

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नारायण सिंह (धामी) थापा

अनेक चर्चित न्यूज रीलों व डाक्यूमेंटरी फिल्मों का निर्माण; डिबू्रगढ़ बाढ़ पर बनाई गई फिल्म और ‘मित्रता की यात्रा’ अत्यंत चर्चित और प्रसंशित हुईं; ‘कांगड़ा और कुल्लू’ तथा ‘बर्फ का गीत’ फिल्मों को राष्ट्रपति स्वर्णपदक प्राप्त हुआ; फिल्म ‘एवरेस्ट’ को सर्वोत्तम फिल्म का पुरस्कार मिला। 1980 में लोक सेवा आयोग ने फिल्म प्रभाग के चीफ प्रोड्यूसर पद के लिए चयनित किया। प्रभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती नवें एशियाई खेलों पर फिल्म बनाने की थी। मुझे सेवा विस्तार देकर यह काम सौंपा गया। इस काम की उल्लेखनीय सफलता के लिए मुझे पद्मश्री सम्मान दिया गया। सेवानिवृत्ति के बाद तत्कालीन प्रधनमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम तथा जवाहरलाल नेहरू पर फिल्मों की श्रृंखला बनाने का अवसर मिला। सेवानिवृत्ति के बाद मैंने भारतीय खेल प्राधिकरण के सलाहकार के रूप में भी काम किया। 1983 में भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन ने पर्वतारोहण के लिए की गई मेरी सेवाओं को देखते हुए फाउंडेशन का सदस्य चुना। आत्मकथा ‘बाँय फ्रॉम लम्बाटा’ ‘पहाड़’ द्वारा प्रकाशित।

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ईश्वरी दत्त

ओ.एन.जी.सी. में सहायक अभियन्ता के पद पर सेवा आरम्भ की और निदेशक (तकनीकी) के पद तक पहुँचा। कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की जिम्मेदारी निभाई। जैसे, वैल प्लेटफार्म, प्रोसेस प्लेटफार्म, बम्बई में समुद्र के बीच सब-सी पाइप लाइन बिछाना, जिसके परिणामस्वरूप देश में कच्चे तेल का उत्पादन संभव हुआ। बड़ौदा तथा शिबसागर (असम) स्थित ओ.एन.जी.सी. की सेन्ट्रल रिपेयर वर्कशॉपों का आधुनिकीकरण किया।

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झूसिया दमाई

वीरगाथा गायक, तुरैण के विशेषज्ञ, रणसैनी के दमाऊं वादक, चंद वंशावलियों के जानकार। दो देशों के गायक/लोक गाथाकार. हरसाल रणसैनी के दीपावली अमावास्या के मेले में जाना होता है। मेले के दिन त्रिपुरा सुन्दरी में सप्तमी को वीरगाथा गायन। ‘पहाड़’ द्वारा सम्मानित होने के बाद लखनऊ, दिल्ली, भोपाल में कार्यक्रम। श्री गिरीश तिवाड़ी ‘गिर्दा’ तथा साथियों द्वारा उन पर काम किया गया है।

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