प्रमोद कुमार (पी.के.) पाण्डे

जल तथा वायु अभियांत्रिकी (हाइड्रोलिक तथा विन्ड इंजीनियरिंग) में विशेष अध्ययन किया और 16 शोध छात्रों से इन्हीं विषयों पर और अध्ययन करवाया। इन विषयों पर विभिन्न संस्थाओं तथा सरकारों को कन्सलटैन्सी भी दी। 50 शोध पत्र प्रकाशित। रुड़की वि.वि. में 38 साल तक कार्य किया। सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष, डीन शोध तथा औद्योगिक समन्वयक, डीन सिविल इंजीनियरिंग संकाय, प्रो वाइस चांसलर तथा कुछ समय के लिए वाइस चांसलर रहने के बाद अवकाश प्राप्त किया। अभी आप बिड़ला इंन्स्टीट्यूट ऑव एप्लाइड साइंसेज भीमताल के निदेशक हैं।

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निर्मल पाण्डे

युगमंच, नैनीताल से अभिनय की शुरुआत। ‘तारा आर्ट ग्रुप’ लंदन द्वारा रंगमंचीय कार्य कलाप हेतु आमंत्रित। रंगमंच के क्षेत्र में लंदन, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, जापान में गहन कार्य। 1997 के ‘कांस’ फिल्म महोत्सव में ‘बैंडिट क्वीन’ के शो के अवसर पर शेखर कपूर के साथ आमंत्रित। फिल्म ‘दायरा’ में ट्रान्स वैसटाइट की भूमिका निभाने पर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का वालेंतिये पुरस्कार पाने वाले विश्व के प्रथम अभिनेता। टाइम्स ऑफ इण्डिया द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण में शताब्दी के 100 चर्चित लोगों में शामिल। ‘संवेदना’ नाटक ग्रुप का गठन, जिसका नाटक ‘अंधायुग’ रंगमंचीय जगत में व्यापक चर्चा का विषय बना। एलबम ‘गब्बर मिक्स’ के लिये चैनल वी अवार्ड से सम्मानित। फिल्म टी.वी. के साथ-साथ रंगमंचीय क्षेत्र में सक्रियता से कार्य। । शेखर कपूर कृत ‘बैंडिट क्वीन’ से फिल्म अभिनय प्रारम्भ। फिर आगे बढ़ते चले गये। ‘शिकारी’, ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’, ‘औजार’, ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘दायरा’, ‘हम तुम पे मरते हैं’, ‘जहाँ तुम ले चलो’, ‘गॉड मदर’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, आदि अनेकों फिल्मों में अभिनय। अनेक पुरस्कार तथा कुछ फिल्में निर्माणाधीन। एक एलबम ‘जज्बा’ भी जारी हुआ.

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देवकी रामपाल पांडे

लखनऊ विश्वविद्यालय में अंग्रेजी अध्यापन (1951-1960); मोतीलाल नेहरू कालेज दिल्ली में अध्यापन (1968-1986) ;1953 में साल भर ब्रिटिश काउंसिल की छात्रवृत्ति पर लीड्स विश्वविद्यालय (इंग्लैंड) में अध्ययन ; हिन्दी व अंग्रेजी में अनेक आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित; बच्चों के लिए दो पुस्तकों का लेखन; पति विंग कमांडर रामपाल की पुस्तक ‘इंडिया विन्स द वार’ का हिन्दी में अनुवाद.

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जगदीश चन्द्र पाण्डेय

अब तक छः उपन्यास जैसे- ‘गगास के तट पर’ ‘संज्ञा से पहले’, ‘महाकालेश्वर की एक रात’, ‘जानकी से जानकी तक’ ‘धरती और नींव’, ‘दिवोदास के उत्तराधिकारी’ और चार कहानी संग्रह ‘कहा था सुना था’, ‘नेकी राम की चारपाइयाँ’, ‘अपना-अपना दुःख’ प्रकाशित। दिल्ली हिन्दी अकादमी का साहित्यिक कृति पुरस्कार.

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चारु चन्द्र पाण्डे

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की 1947 की परीक्षा में डबल फर्स्ट सहित सर्वप्रथम स्थान. अध्यापन का राष्ट्रपति पुरस्कार. उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा विशिष्ट पुरस्कार से सम्मानित. उमेश डोभाल स्मृति सम्मान. कुमाउँनी, हिन्दी, अंग्रेजी में लेखन कार्य. ‘अघ्वाल’, ‘सेज गुमानी’, ‘ईकोज फ्राम द हिल्स’, ‘छोड़ो गुलामी खिताब’ पुस्तकें प्रकाशित. 1962 से आकाशवाणी लखनऊ हेतु लेखन एवं प्रसारण. अल्मोड़ा में दीर्घकाल तक साहित्यिक, सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय रहे।

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गोविन्द चन्द्र पाण्डे

राजस्थान और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य। अभी आप सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑव हायर तिब्बतन स्टडीज, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑव एडवान्स्ड स्टडी शिमला और इलाहाबाद म्यूजियम के अध्यक्ष हैं। कुछ प्रतिष्ठित पुरस्कार, जिसमें ‘मूर्तिदेवी’, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ‘विश्व भारती सम्मान’, ‘शंकर सम्मान’ आदि मुख्य हैं, आपको प्राप्त हुये हैं। डी.लिट. तथा वाचस्पति की मानद उपाधियाँ भी प्राप्त हुयी हैं। अनेक चर्चित किताबों तथा सैंकड़ों शोध पत्रों के लेखक।

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कैलाश चन्द्र पाण्डे

18 वर्ष तक भारतीय नौसेना में रेडियो कम्युनिकेशन इंजीनियर के बतौर कार्य करने के बाद अपने प्रयास द्वारा एक उद्योगपति के रूप में स्थापित।सन् 1997 में मेगाबाइट कम्युनिकेशंस नाम से अपनी कम्पनी शुरू की। एक साल के भीतर इसका विस्तार करते हुए डी.एन.सी. कम्युनिकेशंस प्रा.लि. तथा डेटा नेटवर्क कंसल्टेंट्स की स्थापना की। सन् 2000 में साफ ब्लू, यू.एस.ए. के साथ संयुक्त रूप से साफ ब्लू इंडिया प्रा.लि. की स्थाना की। 2001 में पुनः एक यूरोपीय कम्पनी के साथ ई.टी.टी. इंडिया प्रा.लि. की स्थापना की। उपरोक्त पांचों कंपनियां आज डी.एन.सी. ग्रुप का अंग हैं, जो भारत में नेटवर्क सॉल्यूशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। डी.एन.सी. गु्रप ऑफ कम्पनीज के चेयरमैन। दूर-संचार के क्षेत्र में अनुभव व योगदान को देखते हुए फिक्की की टेलीकॉम कमेटी में शामिल किए गए। तकनीकी शोध एवं परामर्श से सम्बंधित कार्यों के लिए जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका की यात्राएं कीं।

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