गोविन्द बल्लभ पन्त

जलवायु विज्ञान में विश्व के अग्रणी वैज्ञानिकों में गिनती; भारतीय ऊष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के निदेशक; जलवायु विज्ञान में अनेकों शोधपत्र तथा एक पुस्तक की रचना जो इग्लैंड से प्रकाशित; विश्व मौसम विज्ञान संगठन की अनेक तकनीकी कमेटियों की सदस्यता; अनेक देशों में व्याख्यान व शोध कार्य सम्पन्न किए; भारत में अनेक सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित व पुरस्कृत।

Read More

गोविन्द पंत ‘राजू’

‘नैनीताल समाचार’ से दीक्षित होकर और इस पाक्षिक में 1985 तक रहकर 1994 तक ‘नव भारत टाइम्स’ लखनऊ के सम्पादकीय विभाग में रहे। 1995 से ‘आज तक’ चैनल में आये और अभी उ.प्र. के ब्यूरो प्रमुख। 1991 में पहले समाज विज्ञानी तथा पत्रकार के रूप में अंटार्कटिका की यात्रा में गये। नन्दाकोट, कामेट सहित अनेक सफल पर्वतारोहण अभियानों में हिस्सेदारी की। ‘कालिन्दीखाल अभियान 1987’ तथा ‘अस्कोट-आराकोट अभियान 1984’ सहित अनेक अध्ययन अभियानों में शामिल। पत्रकारिता तथा रिपोर्टिंग पर कुछेक सम्मान। मालपा-ऊखीमठ आपदा की टी.वी. रिपोर्टिंग पर विशेष पुरस्कार। हिमालय क्षेत्र की फोटोकारी में भी योगदान।

Read More

कैलाश चन्द्र पंत

महू में स्वाध्याय विद्यापीठ की स्थापना,22 वर्षों तक साप्ताहिक जनधर्म का नियमित प्रकाशन किया,भोपाल में किसान भवन का निर्माण और हिन्दी भवन का विकास किया,‘कौन किसका आदमी’ और ‘धुंध के आर पार’ का प्रकाशन,20 मई 1995 को भोपाल में नागरिक अभिनन्दन तथा 1,61,000 रु. की राशि भेंट स्वरूप प्राप्त की। ‘मालवांचल में कूर्मांचल’ नामक अभिनंदन-ग्रन्थ का प्रकाशन। मध्य प्रदेश के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के अतिरिक्त राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहायक मंत्री पद एवं हम भारतीय अभियान के राष्ट्रीय संयोजक पद का दायित्व संभाल रखा है। सम्प्रतिः राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा-राष्ट्रीय संयोजक।

Read More

कमला पंत

‘नशा नहीं रोजगार दो’ आंदोलन के परिणामस्वरूप जनसंघर्ष की विजय; ‘प्रगतिशील महिला मंच’ और ‘उत्तराखण्ड महिला मंच’ की स्थापना; उत्तराखण्ड में महिलाओं को संगठिन करने के सघन प्रयास व अपेक्षित सफलता; महिलाओं की चेतना व आंदोलन के आधार पर अपने संगठन की ओर से देश-विदेश में प्रतिनिधित्व।

Read More

उदय शंकर पन्त

भारत सरकार के अनेक मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इंस्टीट्यूट आफ गवर्नमेंट एकाउंट एण्ड फाइनेंस की स्थापना की। इसके कलकत्ता, चेन्नई व मुंबई केन्द्रों को डिजाइन किया। एशियन डेवलपमेंट बैंक और संयुक्त राष्ट्र के लिए कार्य किया।वित्त प्रबंधन में दो चर्चित पुस्तकों का प्रकाशन। हिंदी में चार कविता संग्रह प्रकाशित। नई पुस्तक ‘ओपन सीक्रेट्स ऑफ हैप्पीनेस’ तथा अखबारों में नीतिगत मसलों पर स्वतंत्र लेखन। अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं से सम्बद्ध।

Read More

सुरेश नौटियाल

‘द हाई हिलर्स ग्रुप’ की स्थापना की। उत्तराखण्ड आंदोलन में सक्रिय भागीदारी। 1984 में ‘प्रतिपक्ष’ साप्ताहिक में उप-संपादक। 1985 में यूएनआई समाचार एजेंसी में प्रशिक्षु पत्रकार के तौर पर शामिल। 1993 में वरिष्ठ उपसंपादक के तौर पर छोड़ा। 1994 में ‘द ऑब्जर्वर ऑफ बिजनेस एंड पॉलिटिक्स’ अंग्रेजी दैनिक में संवाददाता से शुरुआत और 2000 के अंत में विशेष संवाददाता रहते हुए नौकरी त्यागी। ‘उत्तराखण्ड प्रभात’ पाक्षिक समाचार-पत्र के संपादक व दिल्ली में पहाड़ी पत्रकारों के संगठन उत्तराखण्ड पत्रकार परिषद के महासचिव।

Read More

विद्यासागर नौटियाल

टिहरी रियासत के सामन्त विरोधी आंदोलन में सक्रिय होकर राजपाट बदलने में सहायक बने। बनारस में 1952 से 1959 तक छात्र आंदोलनों में सक्रिय। 1958 में आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष निर्वाचित। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय छात्र संघ का 1953 में महामंत्री तथा 1957 में विश्वविद्यालय छात्र संसद का प्रधानमंत्री निर्वाचित। 1980 में देवप्रयाग से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी के रूप में निर्वाचित। 1958 में वियना में आयोजित विश्व युवक समारोह में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में शामिल। सोवियत संघ व कुछ अन्य देशों की यात्राएँ भी कीं। छात्र जीवन से कहानियां लिखना प्रारम्भ किया। हिन्दी की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। अब हिन्दी के समकालीन प्रमुख कथाकारों में शामिल। अब तक 2 कहानी संग्रह, 3 उपन्यास प्रकाशित तथा कुछ प्रकाशनाधीन। ‘पहल सम्मान’ तथा मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के द्वारा अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार से सम्मानित।

Read More