1984 में एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला बनी.1993 में सफल एवरेस्ट अभियान का नेतृत्व। 1997 में ट्रान्स हिमालय यात्रा (5000 किमी.) का सफल नेतृत्व।
Read MoreDay: July 27, 2008
आई. एस. पाल
उत्तराखण्ड के एक छोटे दुर्गम ग्राम से सफर प्रारम्भ कर उत्तराखण्ड राज्य में तथा उससे पूर्व उत्तर प्रदेश में महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के पद तक पहुँचे। प्रदेश सरकार द्वारा 1991 में प्रशस्ति पत्र से सम्मानित।
Read Moreसुरेन्द्र सिंह पांगती
उत्तराखण्ड का अधिकतम भ्रमण। 1976 में सिक्किम में भूमि बन्दोबस्त कराया। यह पहला भारतीय राज्य था जहाँ मूल सर्वे मैट्रिक स्केल में किया गया। औली में हिमक्रीड़ा संस्थान की स्थापना। भिलंगना, खतलिंग क्षेत्र को पर्यटकों के लिए खोलना। छोटा कैलास की यात्रा को प्रमुखता देना। थोड़ा बहुत मौलिक लेखन भी किया। कुछेक लेखों के अलावा एक पुस्तिका ‘उत्तराखण्ड या उत्तरांचलः कितना सच-कितना छल’। का प्रकाशन।
Read Moreशेर सिंह पांगती
शिक्षण-अध्यापन 33 साल। ब्रजेन्द्रलाल शाह के सत्संग में रहने से। ‘जोहार के स्वर’ (1984), ‘उत्तराखण्ड के भोटांतिक’, ‘स्वतंत्रता सेनानी का जीवन संघर्ष’ (1994), ‘मुनस्यारी लोक और साहित्य’ (2001)। दो किताबें प्रकाशनाधीन। दो बार कैलास मानसरोवर, एवरेस्ट बेस तथा न्यूजीलैण्ड आदि स्थानों की यात्राएँ की। मिलम में जड़ी, बूटी उत्पादन का प्रयास। 2002 में अपने सीमित संसाधनों से जोहार पर केन्द्रित संग्रहालय की स्थापना। 1956 से कुमाउँनी रामलीला का दरकोट (मुनस्यारी)में संचालन।
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