प्रेम लाल जोशी (Prem Lal Joshi)
(माताः स्व. कुन्ती देवी, पिताः स्व. बी.एन. जोशी)
जन्मतिथि : 4 फरवरी 1954
जन्म स्थान : उध पट्टी उदयपुर
पैतृक गाँव : उध, हीराखाल जिला : पौड़ी गढ़वाल
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 1 पुत्री
शिक्षा : पी.एच.डी.
प्राथमिक शिक्षा- प्राइमरी पाठशाला, हीराखाल
हाईस्कूल/इंटर- एस.एम. माडर्न स्कूल, दिल्ली
बी.काम.- हंसराज कालेज, दिल्ली विश्वविद्यालय
एम.काम.- दिल्ली विश्वविद्यालय
पी.एचडी.- गढ़वाल विश्वविद्यालय
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1. आठवीं की बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी न लाने पर भाई साहब की खरीखोटी ने मुझे शिक्षा की महत्ता का अहसास कराया।
2. 1984 में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रेनिंग इन इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग,
मुंबई में रीडर पद पर चयन।
प्रमुख उपलब्धियां : अध्यापन, शोध, भाषण, सलाह और समाजसेवा के लिए 76 से अधिक देशों की यात्रा; अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 70 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित; 6 अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं के संपादक मंडल का सदस्य तथा 10 पत्रिकाओं में परीक्षक। इंडियन ऑडिटिंग एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष; एशिया-पैसिफिक नेटवर्किंग ऑफ स्कूल्स ऑफ एकाउंटिंग, आस्ट्रेलिया के संस्थापक सदस्य; ई.ई.ए. यूरोप के प्रबंध मंडल के सदस्य। अनेक अन्तर्राष्ट्रीय पत्रों के रैफरी। भारत में जीरो बेस बजटिंग के पिता के रूप में विख्यात और जीरो बेस बजटिंग और लीजिंग पर चार पुस्तकों की रचना।
युवाओं के नाम संदेशः मेहनत, बुद्धिमत्ता, समर्पण और देशभक्ति पहाड़ियों के खून में होती है। उनका जीवन संघर्ष से भरपूर होता है, इसलिए एक सच्चे जीवन के सारे अनुभवों से वे गुजरते हैं। वे अपने लिए अवसर और विकास के रास्ते खुद बना सकते हैं। इसके लिए उन्हें ऊंची गुणवत्ता की शिक्षा हासिल करने पर जोर देना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि परिवार की स्त्रियां शिक्षित हों। खतरे उठाने होंगे और उद्यमिता से कभी पीछे नहीं हटना होगा। याद रहे कि आप हिमालय में रहते हैं और यदि सावधान रहें तो एवरेस्ट जैसी ऊंचाई पर भी पहुंच सकते हैं। युवा शक्ति को मेरी शुभकामनाएं।
विशेषज्ञता : वाणिज्य, बजटिंग, लेखन, प्रबन्धन, अध्यापन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है.