चन्द्र दत्त (सी.डी.) धारियाल (Chandra Dutt [C.D.] Dhariyal)
(माताः श्रीमती कमला देवी, पिताः श्री जय दत्त धारियाल)
जन्मतिथि : 14 जून 1928
जन्म स्थान : शिलकोट
पैतृक गाँव : शिलकोट (राईंआगर) जिला : पिथौरागढ़
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 3 पुत्रियाँ
शिक्षा : पीएच.डी
प्राथमिक- चैड़मुन्या, राईंआगर
बी.एससी – बनारस विश्वविद्यालय
पीएच.डी ;कैमिकल इंजीनियरिंग- मास्को विश्वविद्यालय
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः इण्टर में 85 प्रतिशत अंक आने से बी.एच.यू. में प्रवेश मिलना। पहली बार बस और रेल को देखना।
प्रमुख उपलब्धियाँ : बी.एच.यू. में प्रवक्ता के रूप में जीवन क्षेत्र में पदार्पण। कैमिकल इंजीनियरिंग की विशेषज्ञता। भारत (गुजरात) में तत्सम्बन्धी उद्योगों की स्थापना में योगदान। इनके द्वारा विकसित कार्बोक्सी मिथायल सैल्यूलोज (सी.एम.सी.) की पेटेंटिंग सन् 1958 में हो गई थी। तत्पश्चात् शोध और विकास का कार्यक्रम निरन्तर चला। स्वयं के दो उद्योग स्थापित किये। दर्जनों कम्पनियों को परामर्श दिया और औद्योगीकरण में सहयोग किया। डॉ. धारियाल भारत में सैल्यूलोज डेरी उत्पादनों के जनक माने जाते हैं। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित।
युवाओं के नाम संदेशः हर युवा को अपने लक्ष्य और महत्वाकांक्षा को पहले तय करना चाहिए और फिर उसके लिए सम्पूर्ण मेहनत करनी चाहिए। कठिन श्रम और गहन समर्पण में ही भाग्य भी मदद करता है। हम सब अगर मेनहत करें तो इस दुनिया में एक दूसरा स्विटजरलैण्ड विकसित हो सकता है। हमारे पास जितने संसाधन हैं, वह इस सम्भावना को सच कर सकते हैं।
विशेषज्ञता : उद्यमिता, औद्योगिक रसायन, औद्योगिक परामर्श।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।