विद्यासागर नौटियाल (Vidyasagara Nautiyal)
(माताः श्रीमती रत्ना नौटियाल, पिताः श्री नारायण दत्त नौटियाल)
जन्मतिथि : 29 सितम्बर 1933
जन्म स्थान : मालीदेवल
पैतृक गाँव : मालीदेवल जिला : टिहरी गढ़वाल
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 4 पुत्रियाँ
शिक्षा : एम.ए., एलएल.बी.
प्राथमिक शिक्षा- मां व पिता से
हाईस्कूल- प्रताप इंटर कालेज, टिहरी
इंटर- डी.ए.वी. कालेज, देहरादून
एम.ए. ;अंग्रेजीद्ध- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
एलएल.बी.- डी.ए.वी. कालेज, देहरादून
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1946 में कम्युनिस्ट नेता नागेन्द्र सकलानी से भेंट। उनके प्रभाव में आकर टिहरी रियासत की प्रजा के सामन्तवाद विरोधी आंदोलन में सक्रिय हो गये। उनकी शहादत के बाद कम्युनिस्ट पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता।
प्रमुख उपलब्धियाँ : टिहरी रियासत के सामन्त विरोधी आंदोलन में सक्रिय होकर राजपाट बदलने में सहायक बने। बनारस में 1952 से 1959 तक छात्र आंदोलनों में सक्रिय। 1958 में आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष निर्वाचित। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय छात्र संघ का 1953 में महामंत्री तथा 1957 में विश्वविद्यालय छात्र संसद का प्रधानमंत्री निर्वाचित। 1980 में देवप्रयाग से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी के रूप में निर्वाचित। 1958 में वियना में आयोजित विश्व युवक समारोह में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में शामिल। सोवियत संघ व कुछ अन्य देशों की यात्राएँ भी कीं। छात्र जीवन से कहानियां लिखना प्रारम्भ किया। हिन्दी की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। अब हिन्दी के समकालीन प्रमुख कथाकारों में शामिल। अब तक 2 कहानी संग्रह, 3 उपन्यास प्रकाशित तथा कुछ प्रकाशनाधीन। ‘पहल सम्मान’ तथा मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के द्वारा अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार से सम्मानित।
युवाओं के नाम संदेशः अपने गौरवशाली इतिहास की जानकारी हासिल करें। जनता की इतिहास की धारा को बदल डालने की शक्ति पर भरोसा रखें।
विशेषज्ञता : साहित्य, कानून, जनान्दोलन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।
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