प्रदीप पन्त (Pradeep Pant)
(माताः श्रीमती ललिता पंत, पिताः स्व. दुर्गादत्त पन्त)
जन्मतिथि : 24 अप्रैल 1941
जन्म स्थान : हल्द्वानी
पैतृक गाँव : खूंट जिला : अल्मोड़ा
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 1 पुत्री
शिक्षा : एम.एस.डब्लू.
प्राथमिक शिक्षा- म्यूनिसिपल स्कूल, कालाढूंगी रोड, हल्द्वानी
कक्षा 8 से इंटर- कान्यकुब्ज कालेज, लखनऊ
बी.ए. व एम.एस.डब्लु.- लखनऊ विश्वविद्यालय
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः कोई विशेष नहीं
प्रमुख उपलब्धियाँ : अब तक 21 पुस्तकें प्रकाशित- 4 उपन्यास, 5 कहानी संग्रह, 4 व्यंग्य संग्रह, 4 यात्रा-संस्मरणों की पुस्तकें, एक विविध लेखों आदि का संग्रह, 3 बाल-कहानी संग्रह। यूरोप की यात्राएं कीं; हिन्दी अकादमी, दिल्ली से तीन बार सम्मानित; इसी अकादमी से हिन्दी भाषा, साहित्य व संस्कृति में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1999-2000 का ‘साहित्यकार सम्मान’; उ.प्र. हिन्दी संस्थान आदि से भी पुरस्कृत; अनेक भाषाओं में रचनाएं अनूदित।
युवाओं के नाम संदेशः भ्रष्ट राजनीतिज्ञों, अफसरों और विभिन्न माफियाओं के विरुद्ध, सामाजिक रूढ़ियों-कुरीतियों के खिलाफ जन आंदोलन चलाएं। सरकारी सहायता पर निर्भर हुए बिना गांधीवादी विचारों पर आधारित अच्छे स्वयंसेवी संगठनों की स्थापना कर सामाजिक उत्थान के लिए कार्य करें।
विशेषज्ञता : साहित्य, सम्पादन, पत्रकारिता।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।